पार्टी को अलविदा कहने से पहले सुनील जाखड़ ने पार्टी हाईकमान व सोनिया गांधी के नेतृत्व पर उठाए सवाल।
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चंडीगढ़, 14 मई। पंजाब में कांग्रेस पार्टी में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कई दशक बाद शनिवार को कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। जाखड़ ने पार्टी हाईकमान, दिल्ली में बैठी सीनियर लीडरशिप तथा सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। सुनील जाखड़ के पिता स्वर्गीय बलराम जाखड़ भी कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे थे।
पिछले करीब एक साल में एक अवसर वह भी आया था जब सुनील जाखड़ को मुख्यमंत्री बनाए जाने की तैयारी हो गई थी और अब वह पार्टी से किनारा कर चुके हैं। सुनील जाखड़ पिछले कई महीनों से शांत बैठे हुए थे।
पार्टी से चल रहे थे नाराज
सुनील जाखड़ को हाल ही में संपन्न चुनाव विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी को लेकर बयानबाजी करने के आरोप में कांग्रेस ने नोटिस भेजा था। उन्होंने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया। जाखड़ का कहना था कि नोटिस भेजने से पहले कांग्रेस हाईकमान को उनसे बात करनी चाहिए थी। इसी वजह से उन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया।
फेसबुक लाइव के जरिये पार्टी को कहा अलविदा
शनिवार को वह फेसबुक लाइव हुए और उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया। कांग्रेस ने हाल ही में सुनील जाखड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। पंजाब कांग्रेस ने उन्हें 2 साल के लिए पार्टी से सस्पेंड करने की सिफारिश की थी, जिस पर सोनिया गांधी को फैसला लेना था।
सुनील जाखड़ ने कांग्रेस में जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर की जा रही राजनीति पर सवाल उठाए और आलाकमान पर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान पर आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाए जाने के बाद सीएम की नियुक्ति के मुद्दे पर अंबिका सोनी की सुनी गई। जाखड़ ने अंबिका सोनी का नाम लेते हुए सोनिया गांधी से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
जाखड़ ने कहा कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियों ने 50 साल तक कांग्रेस की सेवा की। इसके बावजूद पार्टी लाइन पर नहीं चलने के लिए पार्टी के सभी पदों से हटा दिया।
उन्होंंने कहा कि कांग्रेस की बुरी हालत है और यह खटिया पर है। उन्होंने कांग्रेस को गुड बाय भी कह दिया। उन्होंंने पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत पर भी हमला किया और पार्टी में विवाद के दौरान उनकी भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अनुशासन कमेटी द्वारा मुझे नोटिस देना बहुत ही चोट पहुंचाने वाला है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अनुशासन कमेटी की रिपोर्ट पर मुझे पार्टी के सभी पदोंं से हटाने का पत्र जारी किया। यह सिवाय मजाक के और कुछ नहीं है। सोनिया बताएं कि मैं किस पद पर था, जो मुझे हटाया गया। हकीकत यह है कि मैं पार्टी में किसी पद पर था ही नहीं।
जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस को बचाने की जरूरत है। चिंतन शिविर की जगह चिंता शिविर का आयोजन होना चाहिए था। आज कांग्रेस को बचाने के लिए कदम की जरूरत है। वर्तमान में देश के अधिकतर राज्योंं में कांंग्रेस की हालत गंभीर है। इसके लिए कमेटी बनाकर चर्चा की जानी चाहिए थी। पंजाब चुनाव के साथ-साथ उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव का भी उदाहरण दिया।
सुनील जाखड़ के पक्ष में खड़े हुए नवजोत सिंह सिद्धु
इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धु ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कांग्रेस पार्टी को सुनील जाखड़ को नहीं छोड़ना चाहिए। वो कांग्रेस पार्टी की एक संपत्ति की तरह हैं। किसी भी मतभेद को मेज पर हल किया जा सकता है।
The congress should not loose #sunilkjakhar …. Is an asset worth his weight in gold …. Any differences can be resolved on the table
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 14, 2022