माजुली (असम) स्थित श्री श्री उत्तर कमलाबाड़ी सत्र में परम पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और उत्तर कमलाबाड़ी सत्र के सत्राधिकार श्री जनार्दनदेव गोस्वामी के करकमलों द्वारा आचार्य चन्दन कुमार रचित ‘बदला पद्म आता’ नाटक का लोकार्पण हुआ।
Updated Date
माजुली (असम)। माजुली (असम) स्थित श्री श्री उत्तर कमलाबाड़ी सत्र में परम पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और उत्तर कमलाबाड़ी सत्र के सत्राधिकार श्री जनार्दनदेव गोस्वामी के करकमलों द्वारा आचार्य चन्दन कुमार रचित ‘बदला पद्म आता’ नाटक का लोकार्पण हुआ।
आचार्य चन्दन कुमार रचित इस नाटक के केंद्र में श्री श्री बदला पद्म आता है। श्री श्री बदला पद्म आता के जीवन का परिचय इस नाटक के माध्यम से कराने का उद्देश्य है। नाटक में ‘बदला पद्म आता’ के जीवन में घटित घटनाओं का वर्णन हुआ है। ‘बदला पद्म आता’ के संपर्क में कौन-कौन से लोग आए?
श्री श्री बदला पद्म आता ने वैष्णवभाव के प्रचार एवं प्रसार में लगा दिया पूरा जीवन
उनका कैसा प्रभाव ‘बदला पद्म आता’ पर पड़ा ? बदला पद्म आता को किन-किन समस्यायों का सामना करना पड़ा?- इन सभी का वर्णन नाटक में क्रमवार बताने का प्रयास किया गया है। आज आवश्यकता इस बात की है कि समस्त भारतवासी श्री श्री बदला पद्म आता जैसे महान संत के विचारों और संघर्ष को जानें-समझें। श्री श्री बदला पद्म आता ने अपना सम्पूर्ण जीवन वैष्णवभाव के प्रचार एवं प्रसार में लगा दिया।
श्री श्री बदला पद्म आता का जीवन हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणास्रोत है। बदला पद्म आता के जीवन पर आधारित आचार्य चन्दन कुमार लिखित यह नाटक ईशान क्षेत्र में भक्तिचेतना के प्रसार में प्रदर्शनकारी कलाओं और बदला पद्म आता की भूमिका का पाठ है।