1. हिन्दी समाचार
  2. ख़बरें जरा हटके
  3. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती आज, राष्ट्रपति मुर्मू ने देश की जनता को दी बधाई

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती आज, राष्ट्रपति मुर्मू ने देश की जनता को दी बधाई

पूरा देश राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी यानी महात्मा गांधी की 153वीं जयंती मना रहा है.उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था.

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

महात्मा गांधी की 153वीं जयंती मना रहा है. उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था. महात्मा गांधी की जयंती प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाई जाती है. महात्मा गांधी ने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई राष्ट्रीय नेताओं के साथ स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया. उन्होंने अहिंसा के मार्ग पर दुनिया भर में कई नागरिक अधिकार आंदोलनों को प्रेरित किया. देश की आजादी में उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है.आज के दिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.

पढ़ें :- PM मोदी @75: सेवा, समर्पण और संकल्प को राज्यों के सीएम का सलाम

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर देश की जनता को बधाई दी. देश के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा यह सभी के लिए शांति, समानता और सांप्रदायिक सद्भाव के मूल्यों के लिए खुद को फिर से समर्पित करने का अवसर है. राष्ट्रपति ने कहा कि इस साल गांधी जयंती मनाने का एक विशेष महत्व है.पूरा देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है. यह समय हम सभी के लिए गांधी जी के सपनों के भारत को साकार करने की दिशा में काम करने का है.

महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा जाता है?

रवींद्र नाथ टैगोर ने मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा माना और उनके पीछे-पीछे पूरा देश यही मानने लगा. गांधी ताउम्र अपने आचरण से महात्मा होने की पात्रता बार-बार अर्जित भी करते रहे. इसी तरह माना जाता है कि 1944 में सुभाषचंद्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए उन्हें राष्ट्रपिता का नाम दिया था.

महात्मा गांधी का जीवन
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है. उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. वह वकील, उपनिवेशवाद-विरोधी राष्ट्रवादी और राजनीतिक नैतिकतावादी थे. उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए सफल अभियान का नेतृत्व करने के लिए अहिंसक प्रतिरोध का इस्तेमाल किया. उन्होंने लोगों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने को प्रेरित भी किया. महात्मा गांधी के पिता करमचंद गांधी और मां पुतली बाई थीं. उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था. 14 साल की उम्र में उनका विवाह कर दिया गया था.

पढ़ें :- India Vs Pakistan: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार आमने-सामने, देखें बड़ा मुकाबला

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com