क्या टीम इंडिया के दो सबसे बड़े नाम, विराट कोहली और रोहित शर्मा अपने करियर का अंत वैसे नहीं कर पाए, जैसे उन्हें करना चाहिए था? क्या BCCI ने उन्हें वो सम्मान नहीं दिया, जिसके वे हकदार थे?
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ये सवाल अब क्रिकेट गलियारों में तेजी से गूंज रहा है, और इसकी वजह हैं टीम इंडिया के लेग स्पिनर रवि बिश्नोई, जिन्होंने हाल ही में एक पॉडकास्ट में ‘इशारों-इशारों’ में ऐसा कुछ कह दिया, जिसने फैंस से लेकर क्रिकेट एक्सपर्ट्स तक को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
रवि बिश्नोई ने Game Changers Podcast में कहा “विराट और रोहित का संन्यास शॉकिंग था। आप उन्हें फील्ड से जाते हुए देखना चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने देश के लिए बहुत कुछ किया है। मेरी नजर में कोई उनके आसपास भी नहीं है…उन्होंने ये भी जोड़ा कि “अगर उन्हें फेयरवेल मिलता, तो वो ज्यादा सही होता। शायद वनडे फॉर्मेट में ऐसा मौका मिल जाए।”
रवि बिश्नोई को एशिया कप 2025 की टीम में नहीं चुना गया, जबकि उन्होंने T20 फॉर्मेट में 42 मैचों में 61 विकेट झटके हैं, और नंबर-1 बॉलर भी रह चुके हैं। ऐसे में उनके इस बयान को सिर्फ ‘भावनात्मक’ कहकर टालना आसान नहीं है।
बिश्नोई के मुताबिक, ये दो खिलाड़ी ‘जब चाहें तब जाएं’ — कोई और फैसला न थोपे। लेकिन इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले आया ये संन्यास ऐलान संदेह की लकीरें खींच गया।
क्या विराट और रोहित को वो फेयरवेल मिला, जिसके वो हकदार थे?
क्या बिश्नोई के बयान में एक दबा हुआ आक्रोश है?
क्या बीसीसीआई अब दिग्गजों को अलविदा कहने का तरीका फिर से सोचेगी?
इस बयान से एक बात तो साफ़ है… टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में सब कुछ उतना सीधा नहीं जितना दिखता है!
✍️ अब्दुल नबी हसन, स्पोर्ट्स डेस्क