कानपुर में ठंड का कहर जारी है। माहौल में गलन रोगियों के दिल और दिमाग पर भारी पड़ रही है। सोमवार को हार्ट अटैक से 17 और रोगियों की मौत हो गई। इसके साथ ही ब्रेन अटैक पड़ने से तीन रोगियों की मौत हुई है।
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कानपुर में ठंड का कहर जारी है। माहौल में गलन रोगियों के दिल और दिमाग पर भारी पड़ रही है। सोमवार को हार्ट अटैक से 17 और रोगियों की मौत हो गई। इसके साथ ही ब्रेन अटैक पड़ने से तीन रोगियों की मौत हुई है। 12 रोगियों को हैलट और अन्य अस्पतालों में गंभीर हालत में भर्ती किया गया है। ब्रेन अटैक के कई रोगी वेंटिलेटर पर हैं।
इन रोगियों की दिमाग की नसें फट गई हैं। ब्रेन अटैक के तीन रोगी और हार्ट अटैक के 14 रोगियों की सांस अस्पताल पहुंचने के पहले ही थम गई थी। परिजनों का कहना है कि रोगियों की अचानक तबीयत बिगड़ी थी। अस्पताल लेकर पहुंचते उसके पहले ही मौत हो गई। बाद में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा का कहना है कि ठंड से बचाव में चूक होने और दवाएं लेने में लापरवाही से रोगियों का ब्लडप्रेशर अचानक बढ़ जाता है।
इससे हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक की नौबत आती है। एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के इमरजेंसी कंट्रोल रूम के मुताबिक सोमवार को 14 हृदय रोगी मृत अवस्था में अस्पताल आए। इनकी मौत पहले हो चुकी थी। डॉक्टरों ने ईसीजी जांच रिपोर्ट फ्लैट आने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके साथ ही गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हुए तीन रोगियों की इलाज के दौरान मौत हो गई।