राजस्थान के बाड़मेर से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है,एक नवजात बच्ची को बाड़मेर जिले के बालोतरा में बेटी के तत्काल जन्म के बाद मरने के लिए पैकेट में बंदकर झाड़ियों में फेंक दिया गया,लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था,वहाँ से गुजर रहे 4 दोस्तो ने नवजात की रुलाई को सुनकर उसे बचा लिया.
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Barmer News: राजस्थान के बाड़मेर से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है,एक नवजात बच्ची को बाड़मेर जिले के बालोतरा में बेटी के तत्काल जन्म के बाद मरने के लिए पैकेट में बंदकर झाड़ियों में फेंक दिया गया,लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था,वहाँ से गुजर रहे 4 दोस्तो ने नवजात की रुलाई को सुनकर उसे बचा लिया.
इस मामले को देखते हुए एक कहावत चरितार्थ हो गई कि ‘जाको राखे साइयां, मार सके ना कोई’ ,4 दोस्तो को जब बच्ची कि रुलाई कि आवाज सुनाई दी तो वे झाड़ियों तक पहुंच गए. उन्होंने पैकेट को खोला तो उसमें मासूम नवजात को देखकर वे दंग रह गए. उन्होंने मासूम को बालोतरा के राजकीय नाहटा चिकित्सालय में भर्ती करवाया है.जहां उस मासूम का इलाज चल रहा है,मासूम को अस्पताल लाने वाले ये चारों दोस्त मुकेश कुमार, मांगीलाल, प्रकाश कुमार और राजू कुमार बालोतरा के वार्ड संख्या 28 की सांसी कॉलोनी के रहने वाले हैं. नवजात को बचाने वाले युवकों का कहना है कि हमारा सबसे पहला मकसद यही था कि किसी भी तरह से मासूम की जान बचनी चाहिए.
युवकों के मुताबिक इस इलाके में स्ट्रीट डॉग्स और सूअरों का काफी आतंक है. अच्छा हुआ वे लोग पहुंच गए अन्यथा स्ट्रीट डॉग्स उस बच्ची को अपना शिकार बना सकते थे या फिर सूअर उसे नुकसान पहुंचा सकते थे. नाहटा अस्पताल के डॉक्टर्स ने बताया कि बच्ची का शरीर काफी ठंडा था. नवजात को हॉस्पिटल लाते ही उसे वार्म करना शुरू कर दिया था. बच्ची का वजन करीब 2.7 किलोग्राम है. उसकी तबीयत अब ठीक है. उसका इलाज चल रहा है. बच्ची का जन्म उसे हॉस्पिटल लाने से 10-15 घंटे पहले ही हुआ था.
मामले की सूचना मिलने पर बालोतरा पुलिस भी अस्पताल पहुंची और उसने पूरे मामले की जानकारी ली. बालोतरा पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है. पुलिस के मुताबिक आसपास के प्राइवेट और सरकारी हॉस्पिटल में डिलीवरी वाले मामलों की जांच की जाएगी. सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जाएगा. इलाके के लोगों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने उम्मीद जताई है कि जल्द की आरापी को पकड़ लिया जाएगा.