- उच्चस्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में पता चलेगी ब्रह्मोस के नए एयर वर्जन की तकनीकी खामी
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नई दिल्ली : राजस्थान की सीमा पार करके पाकिस्तान में गिरी भारत की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल ने एयरोस्पेस की दुनिया में तहलका मचा दिया है। यह हादसा तकनीकी गलती से सॉफ्टवेयर अपग्रेड करके मिसाइल की रेंज बढ़ाकर परीक्षण किये जाने के दौरान हुआ था। इस हादसे के बाद भारत सरकार ने घटना पर खेद जताते हुए उच्चस्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। ब्रह्मोस के इस नए एयर वर्जन का परीक्षण पूरा होने के बाद भारतीय वायुसेना को दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइल का नया वेरिएंट मिलने पर भारत की मारक क्षमता 800 किलोमीटर दूर तक हो जाएगी।
भारतीय वायुसेना के सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट्स में ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात हैं जिनकी रेंज अभी 500 किलोमीटर है। भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की योजना है। ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही मार्ग बदलने में सक्षम है और चलते-फिरते टारगेट को भी ध्वस्त कर सकती है। 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल को दुश्मन के राडार को धोखा देना बखूबी आता है। यह सिर्फ राडार ही नहीं, बल्कि किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को भी धोखा दे सकती है, इसलिए इसे मार गिराना लगभग असंभव है। यह मिसाइलें बेहद सटीक और ताकतवर हैं और ये दुश्मन के कैंप को पूरी तरह से तबाह कर सकती हैं।
रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से ब्रह्मोस मिसाइल विकास किया है। 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक ब्रह्मोस मिसाइल 8.4 मीटर लम्बी तथा 0.6 मीटर चौड़ी है। यह सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल आवाज की गति से 2.8 गुना तेज जाने की क्षमता रखती है। अग्नि के सिद्धांत पर काम करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल में डीआरडीओ ने पीजे-10 परियोजना के तहत स्वदेशी बूस्टर बनाकर इसकी मारक क्षमता 400 किमी. से अधिक दूरी तक बढ़ा दी है। इसके बाद भी भारत लगातार सॉफ्टवेयर अपग्रेड करके ब्रह्मोस मिसाइलों की रेंज बढ़ा रहा है।
भारत ने अब 800 किलोमीटर की रेंज में टारगेट को हिट करने वाला ब्रह्मोस मिसाइल का नया वर्जन तैयार किया है। मिसाइल के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने के बाद भारत के फाइटर जेट हवा में रहते हुए दुश्मन के ठिकानों को 800 किमी. दूर से ही ध्वस्त कर सकते हैं। दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइल ब्रह्मोस के अपग्रेडेड वर्जन को एयर लॉन्चड क्रूज मिसाइल (एएलसीएम) का नाम दिया गया है। इसी नए वेरिएंट का परीक्षण करने के लिए भारतीय वायुसेना ने 09 मार्च को एक एयरबेस से बिना किसी वारहेड के मिसाइल दागी थी। यह मिसाइल राजस्थान के पोकरण फायरिंग रेंज में जाने के दौरान तकनीकी गलती से मार्ग भटककर पाकिस्तान में आतंकी मसूद अजहर के घर से लगभग 160 किमी. दूर जाकर गिरी।
पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने खुद माना कि इस मिसाइल से बेहद कम नुकसान हुआ और किसी की जान भी नहीं गई। भारत ने पाकिस्तान के इस दावे पर 24 घंटे तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन 11 मार्च को भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। रक्षा मंत्रालय ने इस पर गंभीरता से विचार करते हुए कहा है कि यह घटना जहां बेहद खेदजनक है, वहीं राहत की बात यह भी है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है। भारत के जांच बिठाने के बाद पाकिस्तान ने इस मामले की संयुक्त रूप से जांच करने का प्रस्ताव दिया है लेकिन भारत की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।