Budget 2022: वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में आम आदमी को इस बार भी इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी। इसका मतलब ये हुआ है कि इनकम टैक्स की जो व्यवस्था अभी बनी हुई, आपको आगे भी उसी हिसाब से इनकम पर टैक्स देना होगा।
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नई दिल्ली, 01 फरवरी। (Budget 2022) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट संसद में पेश किया। वित्त मंत्री सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट को डिजिटल फॉर्म में पेश करते हुए घर, नौकरी, किसान, रक्षा, व्यापार और क्रिप्टो सहित कई क्षेत्रों के लिए बड़े ऐलान किए हैं।
आय करदाता इस बार भी खाली हाथ
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में आम आदमी को इस बार भी इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी। इसका मतलब ये हुआ है कि इनकम टैक्स की जो व्यवस्था अभी बनी हुई, आपको आगे भी उसी हिसाब से इनकम पर टैक्स देना होगा। हालांकि टैक्स ट्रांजेक्शन व्यवस्था में कुछ सुधार करने का ऐलान वित्त मंत्री ने किया है। जिसके तहत अब आपको दो साल पुराने अपने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते वक्त अपडेट करने की सुविधा मिलेगी।
अब भी 2.5 लाख से ज्यादा इनकम पर टैक्स
वित्त मंत्री ने इस बार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। करदाता के लिए पहले की तरह ही 2.5 लाख तक की सालाना इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। लेकिन आपकी इनकम 2.5 लाख से 5 लाख के बीच है, तो आपको 5 लाख- 2.5 लाख = 2.5 लाख पर 5 फीसदी टैक्स देना होगा। हालांकि, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87-A का लाभ उठाकर आप 5 लाख तक की सालाना इनकम पर टैक्स बचा सकते हैं।
बजट में किसी के लिए कुछ नहीं- कांग्रेस
वहीं कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2022-23 के बजट को कुछ नहीं बजट की संज्ञा दी है।
भाजपा का थोथा बजट, देश के साथ फिर किया कपट।
— Congress (@INCIndia) February 1, 2022
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ये मोदी सरकार का ‘जीरो सम’ बजट है। इसमें वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, गरीब और वंचित, युवा, किसान और MSME क्षेत्र के लिए कुछ नहीं है।
M0di G0vernment’s Zer0 Sum Budget!
Nothing for
– Salaried class
– Middle class
– The poor & deprived
– Youth
– Farmers
– MSMEs— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2022
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बजट में गरीब की जेब ख़ाली, नौकरीपेशा की जेब ख़ाली, मध्यम वर्ग की जेब ख़ाली, कुछ नहीं, किसान की जेब ख़ाली युवाओं की आशाएं टूटी, खपत बढ़ाने और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ भी नहीं है।
. #Budget2022 की सच्चाई- ‘कुछ नहीं बजट’
• गरीब की जेब ख़ाली, कुछ नहीं,
• नौकरीपेशा की जेब ख़ाली, कुछ नहीं,
• मध्यम वर्ग की जेब ख़ाली, कुछ नहीं,
• किसान की जेब ख़ाली, कुछ नहीं,
• युवाओं की आशा टूटी, कुछ नहीं,
• खपत बढ़ाने के लिए, कुछ नहीं,
• छोटे उद्योग को बढ़ावा, कुछ नहीं— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 1, 2022
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदी की कर नीति के तहत हीरा सस्ता, ज़ेवर सस्ते, अनाज महंगा। राजा राम की कर नीति “मणि-माणिक महंगे किए, सहजे तृण, जल, नाज, तुलसी सोइ जानिए राम गरीब नवाज” कितना फर्क है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने निराशाजनक बजट बताया
तो केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने निराशाजनक बजट बताया है। शशि थरूर ने कहा कि डेढ़ घंटे के बजट भाषण में कुछ नहीं था, ये आश्चर्यजनक रूप से निराशाजनक बजट है। इस बजट में मनरेगा, रक्षा , जनता की जरूरी प्राथमिकताओं का कोई जिक्र नहीं है। शशि थरूर ने कहा कि जहां तक डिजिटल मुद्रा का संबंध है, सरकार उस दिशा में आगे बढ़ रही है। लेकिन हम आम नागरिकों के लिए बजट में सामग्री की कमी के बारे में अधिक परेशान हैं। उन्होंने कहा कि देश भयानक मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है और मध्यम वर्ग के लिए कोई कर राहत नहीं है। ये एक ऐसा बजट है जो ‘अच्छे दिनों’ को और भी दूर धकेलता दिखाई दे रहा है। ‘अच्छे दिनों’ के आने के लिए 25 साल और इंतजार करना होगा।
बजट में आम जनता को कुछ नहीं मिला- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि बजट में आम लोगों को कुछ भी नहीं मिला है। केंद्रीय वित्त मंत्री के बजट पेश करने के बाद ममता ने ट्विटर पर लिखा कि “बेरोजगारी और महंगाई से कुचले जा रहे आम लोगों के लिए बजट शून्य है। सरकार केवल बड़ी-बड़ी बातें कर रही है जिसका कोई मतलब नहीं है। ये पेगासस पर से ध्यान भटकाने वाला बजट है।”
BUDGET HAS ZERO FOR COMMON PEOPLE, WHO ARE GETTING CRUSHED BY UNEMPLOYMENT & INFLATION. GOVT IS LOST IN BIG WORDS SIGNIFYING NOTHING – A PEGASUS SPIN BUDGET
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 1, 2022
गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बजट पेश किया। उन्होंने नौकरी, घर, किसान, रक्षा, व्यापार और क्रिप्टो सहित कई क्षेत्रों के लिए बड़े ऐलान किए। उन्होंने इस बजट को अगले 25 साल का ”ब्लूप्रिंट” बताया है। 2019 में वित्त मंत्री का पद संभालने के बाद सीतारमण ने चौथी बार बजट पेश किया।