मुख्यमंत्री गहलोत ने लिखा कि रैलियों की जगह प्रचार के दूसरे तरीकों का इस्तेमाल होना चाहिए। आज सूचना प्रौद्योगिकी का युग है, इसलिए प्रचार भी IT और सोशल मीडिया आधारित होना चाहिए।
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जयपुर, 5 जनवरी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव आयोग को राजनीतिक पार्टियों की रैलियों पर अविलंब रोक लगाने और रैलियों की बजाय प्रचार के दूसरे तरीकों का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को ट्वीट कर ये जरूरत प्रतिपादित की।
संवैधानिक प्रावधानों के कारण चुनाव टाले नहीं जा सकते परन्तु कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव आयोग को राजनीतिक पार्टियों की रैलियों पर अविलंब रोक लगा देनी चाहिए। रैलियों की जगह प्रचार के दूसरे तरीकों का इस्तेमाल होना चाहिए। pic.twitter.com/7GwroOlg2J
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 5, 2022
चुनाव प्रचार IT और सोशल मीडिया आधारित होना चाहिए- गहलोत
सीएम अशोक गहलोत ने लिखा कि संवैधानिक प्रावधानों के कारण चुनाव टाले नहीं जा सकते। लेकिन कोरोना की परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव आयोग को राजनीतिक पार्टियों की रैलियों पर बिना देरी किए रोक लगा देनी चाहिए। रैलियों की जगह प्रचार के दूसरे तरीकों का इस्तेमाल होना चाहिए। आज सूचना प्रौद्योगिकी का युग है, इसलिए प्रचार भी IT और सोशल मीडिया आधारित होना चाहिए।
‘चुनाव आयोग TV, रेडियो इत्यादि कम्युनिकेशन माध्यमों पर सभी पार्टियों को टाइम स्लॉट बांट दें’
गहलोत ने लिखा कि चुनाव आयोग TV, रेडियो इत्यादि कम्युनिकेशन माध्यमों पर सभी पार्टियों को टाइम स्लॉट बांट दें, जिससे सभी पार्टियों को प्रचार के समान अवसर मिल सकें। बड़ी रैलियों की जगह कोरोना प्रोटोकॉल के तहत घर-घर प्रचार किया जाए। हम अधिकांश देशवासी अभी तक कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता को भूले नहीं है। पिछले साल अप्रैल और मई के महीने में किस तरह अस्पतालों में बेड तक नहीं मिल रहे थे और ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की तड़पते हुए मौत हुई थी।
मुख्यमंत्री गहलोत ने लिखा कि अब देश के सामने कोरोना की तीसरी लहर है। विशेषज्ञों के मुताबिक ओमिक्रॉन आगे जाकर क्या नया रूप लेगा, ये अभी किसी को मालूम नहीं है।