देव दीपावली पर लाखों दीपों की माला पहने हुए मां गंगा का शृंगार होता है तो ऐसा लगता है मानो आसमान के सितारे जमीन पर उतर आए हैं.ये नजारा सोमवार को काशी में देखने को मिलेगा जब महादेव की नगरी में देवता अपनी दीपावली मनाने आएंगे.
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कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में सोमवार यानि आज देव दीपावली का पर्व पूरे उल्लास के साथ मनाया जाएगा.मां जाह्नवी के अर्धचन्द्राकार घाटों पर शाम पांच बजकर 15 मिनट के बाद 10 लाख दीप जलाकर योगी आदित्यनाथ सरकार दिव्य और भव्य देव दीपावली महोत्सव का शुभारंभ करेगी. इसके साथ ही पूरे बनारस में जनसहभागिता से तकरीबन 21 लाख दीये जलाये जाने की संभावना है. देव दीपावली महोत्सव को देखते हुए वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद ये पहली देव दीपावली है. देव दीपावली के अवसर पर जल, थल और नभ से काशी नगरी की सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं. ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से रूट डायवर्जन भी लागू किया गया है.
देव दिवाली 2022, आज 7 नवंबर, दिन सोमवार को है. प्रत्येक सोमवार का दिन भगवान शंकर को समर्पित माना गया है. जिसके कारण इस दिन का महत्व इस बार काफी बढ़ गया है. वैसे तो देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है लेकिन इस बार 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने के कारण देव दीपावली या देव दिवाली 7 नवंबर को पूर्णिमा तिथि प्रारंभ के समय ही मनाई जा रही है.
हारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा अर्पित किए गए हजारे का पहला दीप जलाने के बाद घाटों पर दीपमालाओं की शृंखला प्रज्ज्वलित होती हैं.आगे बूंदी परकोटा घाट की साज-सज्जा भी पूरी हो चुकी है. आदिकेशव घाट, राजघाट, गायघाट, पंचगंगा घाट, सिंधिया घाट, ललिताघाट, मीरघाट से लेकर दशाश्वमेध घाट, शीतलाघाट, अहिल्याबाई घाट, राजा चेत सिंह घाट, केदारघाट, तुलसीघाट से असि घाट व रविदास घाट की रंगत देखते ही बन रही है. गंगा के घाटों की सीढि़यों से उतरकर पर्व का उल्लास रेती पार और शहर के कुंड-सरोवरों से लगायत लगभग सभी देवालय व घर के चौक-चौबारों तक बिखर गया है.
अमर जवानों को करेंगे नमन, 108 किलो फूलों से होगा मां गंगा का शृंगार
दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से अमर शहीद ज्योति की अनुकृति तैयार है. देव दीपावली देश के अमर जवानों को समर्पित रहेगी. गंगोत्री सेवा समिति की ओर से 108 किलो अष्टधातु की गंगा प्रतिमा का 108 किलो फूलों से शृंगार किया जाएगा. चेतसिंह घाट पर थ्रीडी प्रोजेक्शन मैपिंग के जरिए गंगा अवतरण और देव दीपावली की कहानी दर्शाई जाएगी.
देव दिवाली पर दीपदान का महत्व
देव दिवाली पर दीपदान का विशेष महत्व है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने व दीपदान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है. घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है और खुशहाली आती है.