स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने सरकार से सवाल किया है कि, सरकार यह बताए कि हिन्दू धर्म संसद यदि हिन्दुस्तान के विभिन्न प्रांतों में नहीं होगी तो क्या पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देशों में आयोजित की जाएगी ?
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Dharam Sansad : रामेश्वर आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि भाजपा सरकार में संतों के ऊपर मुकदमा दर्ज होना बेहद निंदनीय है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संतों के ऊपर दर्ज मुकदमे को वापस लेना चाहिए अन्यथा इसके परिणाम सरकार को भुगतने होंगे।
लोकतंत्र में है सबको खुलकर बोलने का अधिकार
पत्रकारों को दिए अपने बयान में महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि लोकतंत्र में सबको खुलकर बोलने का अधिकार है और अभिव्यक्ति की आजादी है। संत समाज धर्म की रक्षा के लिए सदैव प्रयासरत रहा है और आगे भी रहेगा। देश की अखंडता को भंग करने वालों के खिलाफ संत समाज सदैव खड़ा रहेगा और ऐसे लोगों को खुलकर जवाब दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा एक समुदाय विशेष के दबाव में संतों के ऊपर मुकदमा दर्ज करना बेहद ही निंदनीय है। सरकार को पहले ओवैसी जैसे लोगों पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजना चाहिए, जो समाज को तोड़ने की बात करते हैं। सनातन धर्म में शास्त्र के साथ-साथ धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र का प्रयोग करने की भी प्रेरणा दी गई है और जब जब भी सनातन धर्म पर कुठाराघात किया गया है, तो संतों ने आगे आकर उसका मुंह तोड़ जवाब दिया है।
आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा इसका खामियाजा
मुगल शासन और अंग्रेजी सरकार में भी धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए संत एवं सनातन प्रेमी अपना पक्ष खुल कर रखते रहे हैं लेकिन हिन्दू विचारधारा वाली भाजपा सरकार में संतों पर मुकदमा दर्ज होना सरकार की धर्म विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संतो के ऊपर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस ले अन्यथा आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा।
धर्म संसद यदि हिन्दुस्तान में नहीं होगा तो क्या पाकिस्तान में होगा ?
शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा है कि धर्म एवं राष्ट्र रक्षा के लिए संत समाज ने सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है। सरकार यह बताए कि हिन्दू धर्म संसद यदि हिन्दुस्तान के विभिन्न प्रांतों में नहीं होगी तो क्या पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देशों में आयोजित की जाएगी ?
आज भारत, अमेरिका, रूस, फ्रांस सहित अधिकतर देश जेहाद और आतंकवाद के खिलाफ हैं। सऊदी अरब जैसे मुस्लिम देश में भी तबलीगी जमात पर हाल ही में प्रतिबंध लगाया है। भारत सरकार को भी जेहाद और कट्टरवाद पर लगाम लगानी चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज एवं स्वामी आत्मानन्द ने भी राज्य सरकार द्वारा संतों पर दर्ज किए गए मुकदमे खारिज करने की मांग की है।