नई दिल्ली । कोकम का नाम तो आपने सुना होगा ही जिसे Garcinia indica भी कहते है, भारतीय उपमहाद्वीप में विशेष रूप से पश्चिमी तटीय इलाकों में प्रचलित है। इसके गहरे लाल रंग के छिलके को सुखाकर अम्चूर जैसा खट्टा मसाला बनाया जाता है, जो सब्जियों, दाल और मछली की करी में डाला जाता है। कोकम का उपयोग पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में सदियों से किया जाता रहा है और यह अपने विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। इस फल में कई औषधीए गुण भी पाए जाते हैं यह फल भारत में गोवा और गुजराज में पाया जाता है। देखने में यह सेब की तरह लगता है आइए जानते हैं यह सेहत के लिए कितना फायदेमंद होता है।
कोकम के फायदे:
- पाचन में सहयोगी : कोकम में पाये जाने वाले तत्व पाचन क्रिया को मजबूती देते हैं और एसिडिटी को कम करते हैं।
- वजन नियंत्रण : इसमें हाइड्रोक्सीसिट्रिक एसिड (HCA) होता है जो वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- अंतिउत्सर्जनीय गुण : कोकम में अंतिउत्सर्जनीय गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं।
- हृदय के लिए फायदेमंद: कोकम बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है।
- डाइजेस्टिव हेल्थ: कोकम का असर पाचन प्रक्रिया पर भी होता है। यह अधिक एसिडिटी और पेट की अन्य समस्याओं में राहत देता है।
- अंटिऑक्सीडेंट गुण: कोकम में पाये जाने वाले अंटिऑक्सीडेंट्स शरीर में मुक्त रेडिकल्स के नक्सली प्रभाव को कम कर सकते हैं।
- जोड़ों और मासपेशियों के दर्द: कोकम में सूजन को कम करने की क्षमता होती है, जिससे जोड़ों और मासपेशियों के दर्द में राहत मिल सकती है।
- कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना: कोकम में पाये जाने वाले यौगिक बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।