मानसून में पेट के कीड़े बढ़ जाते है इसीलिए कोशिश करें कि अपनी पेट से जुड़ी समस्याओं को ध्यान में रखें इसके लिए इन टिप्स को फॉलो करें
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नई दिल्ली । मानसून का मौसम ऐसा होता है लोगों को काफी कुछ खाने की चाह होती है बारिश में पकौड़े हो या फिर बाहर का तला-भूना लोगों को खाने की काफी चाह होती है इसीलिए बारिश के दिनों में लोगों की तबीयत खराब भी हो जाती है साथ ही पेट से जुड़ी हुई परेशानियां भी होती है कोशिश करने की जरूरत यह है कि आप किस तरीके से इसको कम करें और कैसे पहचाने की पेट में कीड़े है या फिर कुछ और जो आपको परेशान कर रहे है तो चलिए जानते है।
सूजन- सूजन आपके पेट में उस समय होती है जब पेट या आंतों में गैस बन जाती है, जिससे यह फूला हुआ और अनपच हो जाता है। सूजन के सामान्य कारणों में आहार संबंधी विकल्प शामिल हैं जैसे कि बहुत जल्दी खाना, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ पीना, अधिक भोजन करना, या बीन्स, ब्रोकोली और फूलगोभी जैसे गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ खाना। तनाव भी सूजन में योगदान दे सकता है।
कब्ज़- कब्ज एक और कारण है पेट में तकलीफ का वो है कब्ज इसकी वजह से भी आपको परेशानी हो सकती है और इसको त्यागना मुश्किल हो जाता है। यह तब होता है जब अपशिष्ट पदार्थ पाचन तंत्र से बहुत धीमी गति से आगे बढ़ता है। कब्ज के सामान्य कारणों में पर्याप्त तरल पदार्थ न पीना, कम फाइबर वाला आहार लेना, नियमित रूप से व्यायाम न करना, या दर्द निवारक या एंटासिड जैसी दवाएं लेना शामिल हैं।
उल्टी करना- याद रखें कि जब भी आपके पेट में कीड़े होते है आपको तब होती है जब मतली या बीमारी के कारण भोजन और तरल पदार्थ पेट से बाहर निकल जाते हैं। उल्टी के सामान्य कारणों में खाद्य विषाक्तता, वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, खाद्य एलर्जी, बहुत जल्दी खाना, खराब खाना खाना या शराब का दुरुपयोग शामिल है।
दस्त- बात कर लेते है अब दस्त यानि की डायरिया की तब होता है जब संक्रमण या बीमारी के कारण शरीर से बार-बार पानी जैसा या पतला मल निकलता है। दस्त के सामान्य कारणों में साल्मोनेला या ई. कोली जैसे जीवाणु संक्रमण, रोटावायरस जैसे वायरल संक्रमण, जिआर्डिया लैम्ब्लिया जैसे परजीवी, कुछ दवाएं और एंटीबायोटिक्स और कुछ खाद्य एलर्जी शामिल हैं।