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गाजियाबाद में लोन के बहाने 200 लोगों के खाते किए खाली,ठगी करने वाले महिला समेत 5 अरेस्ट

गाजियाबाद की लिंक रोड थाना पुलिस और साइबर सेल टीम ने फ्रॉड करने वाले पांच आरोपियों को पकड़ा है.

By इंडिया वॉइस 

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साहिबाबाद : गाजियाबाद पुलिस ने सस्ती दरों पर लोन कराने का झांसा देकर ठगने वाला गैंग पकड़ा है. सस्ते कमीशन रेट पर लोन दिलाने का झांसा देकर 200 लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के पांच शातिरों को साइबर सेल और लिंकरोड पुलिस ने गिरफ्तार किया है.जिसमें एक महिला समेत पांच आरोपी गिरफ्तार किए हैं. पुलिस इस गैंग के सभी बैंक खाते खंगाल रही है.

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थाना लिंक रोड पर एक व्यक्ति ने पिछले दिनों ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. इस केस की जांच साइबर क्राइम सेल को ट्रांसफर हुई. पुलिस ने ज्वाइंट जांच करते हुए इस गैंग का पर्दाफाश किया है.गिरोह का मास्टरमाइंड शरद उर्फ शिवा निवासी मजलिस पार्क दिल्ली व शारदा गुप्ता उर्फ अनु उर्फ श्रद्धा निवासी दिल्ली हैं. दोनों बैंक अधिकारी बनकर मेल और कॉल कर लोगों से लोन के लिए संपर्क करते थे. इनके पास से 30 हजार रुपये, सात मोबाइल, दो लैपटॉप कंप्यूटर, तीन फर्जी आधार कार्ड, पांच लोन एप्लीकेशन फार्म, चार पर्सनल लोन फार्म, दो क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन फार्म बरामद हुए .

पुलिस ने बताया, शारदा और शरद ऐसे लोगों को ढूंढते थे, जिन्हें लोन की जरूरत होती थी. इसके लिए वे मैनुअली तरीका अपनाने के साथ रेंडम ऑनलाइन सर्च करते रहते थे. कस्टमर की डिटेल्स वे अतुल को देते थे. इसके बाद अतुल बैंक अधिकारी बनकर उनसे बात करता था.

फाइल प्रोसेस के नाम पर विभिन्न चार्ज बताकर थोड़ा-थोड़ा पैसा वो राजीव और राहुल के पेटीएम खाते में डलवाता था. अतुल इतना न्यूनतम चार्ज बताता था, जिससे कस्टमर को भी ट्रांसफर करने में दिक्कत न आए. तीन महीने पहले तक अतुल ये पैसा अपने बैंक अकाउंट में डलवाता था, लेकिन शिकायतों के बाद बैंक ने उसका खाता फ्रीज कर दिया. जिसके बाद उसने पेटीएम में रुपए ट्रांसफर कराने शुरू कर दिए.

पुलिस के डर से नहीं बनाते ठिकाना

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पूछताछ में मास्टरमाइंड शरद ने बताया कि वह पकड़े जाने के डर से अपने गिरोह के सदस्यों को एक जगह पर बैठने से मना करता था. लिहाजा उन्हें फर्जी सिम और लैपटॉप दिलाया था. फिलहाल उन्होंने साहिबाबाद गांव में राजीव कुमार के घर के पास अस्थाई ठिकाना बनाया हुआ था. इतना ही नहीं, गिरोह अलग-अलग लोगों के खातों में पैसे मंगाकर उन्हें भी अतिरिक्त कमीशन देता था.

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