ICICI Loan Fraud: देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ (CEO) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने ICICI बैंक-वीडियोकॉन लोन धोखाधड़ी (ICICI-Videocon Loan Fraud Case) मामले में CBI की गिरफ़्तारी के बाद ICICI की पूर्व CEO चंदा कोचर और दीपक कोचर को न्यायिक हिरासत से रिहा करने की अनुमति दे दी है. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि CBI की ओर से की गई गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं है, इसलिए इस मामले में चंदा और दीपक कोचर को रिहाई की अनुमति दी गई है. हाईकोर्ट ने चंदा कोचर और दीपक कोचर की एक एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मंजूर करते हुए रिहाई के आदेश दिए हैं. जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि दोनों की गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई है.वंही सीबीआई ने उनकी रिहाई का विरोध किया है.
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बता दें, आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में सीबीआई ने कोचर दंपती को गिरफ्तार किया था. उसके बाद इसी मामले में वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था. तीनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
10 जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेजा
लोन धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने ICICI बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. तीनों को गुरुवार को उनके पहले के रिमांड के अंत में विशेष न्यायाधीश एसएच ग्वालानी के समक्ष पेश किया गया था.
क्या है पूरा मामला?
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बता दें कि 59 वर्षीय चंदा कोचर ने अक्टूबर 2018 में आरोपों के सामने आने के बाद आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप का पक्ष लिया और लोन जारी करने के लिए नियमों को दरकिनार किया था.
बता दें कि बैंक की ओर से कंपनी को 3250 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया था. सीबीआई ने 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को दी गई लोन की राशि में चंदा कोचर पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. हालांकि लोन बाद में आईसीआईसीआई बैंक के लिए नॉन-परफॉर्मिंग एसेट(NPA) बन गया.