यूपी के हाथरस जिले में मंगलवार को सत्संग स्थल पर मची भगदड़ के बाद वहां का मंजर देख लोगों के दिल दहल गए। सत्संग स्थल श्मशान में तब्दील हो गया था। चारों तरफ बिखरे चप्पल, मोबाइल, पर्स, बैग और कपड़े भीषण हादसे की गवाही दे रहे थे। भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 124 हो गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
Updated Date
हाथरस। यूपी के हाथरस जिले में मंगलवार को सत्संग स्थल पर मची भगदड़ के बाद वहां का मंजर देख लोगों के दिल दहल गए। सत्संग स्थल श्मशान में तब्दील हो गया था। चारों तरफ बिखरे चप्पल, मोबाइल, पर्स, बैग और कपड़े भीषण हादसे की गवाही दे रहे थे। भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 124 हो गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
सत्संग का आयोजन ‘भोले बाबा’ उर्फ बाबा नारायण हरि के संगठन ने किया था। मरने वालों में सात बच्चे और 100 से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। सड़क किनारे खेत में पानी भरा होने से कीचड़ ही कीचड़ था। भागने के चक्कर में श्रद्धालु पानी और कीचड़ में फंसकर गिर गए। इससे भीड़ में दबते चले गए। महिलाओं व बच्चों के मुंह-नाक में कीचड़ भर गया था।
भीड़ में कुचलने और दम घुटने से अधिक लोगों की मौत हुई हैं। खेतों में लोगों के पैरों के निशान भयावह मंजर बयां कर रहे थे। हाथरस के सिकंदराराऊ के नेशनल हाइवे स्थित फुलरई मुगलगढ़ी गांव के सहारे खेतों में आयोजित नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के समापन के बाद मची भगदड़ में करीब 124 लोगों की मौत हो गई। मंगलवार दोपहर यह हादसा उस समय हआ, जब भोले बाबा के काफिले के निकलते समय उनकी चरण धूल लेने के लिए अनुयायियों में अफरा-तफरी मच गई।
24 घंटे के भीतर सरकार को देनी है रिपोर्ट
भगदड़ के बीच हाइवे के सहारे के कीचड़युक्त खेत में तमाम लोग गिर गए और उनके ऊपर से भीड़ गुजर गई। मंडलायुक्त अलीगढ़ चैत्रा वी की अगुवाई में जांच समिति गठित की गई है। 24 घंटे के भीतर इसे अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि 20 हजार लोगों के कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति मांगी गई थी। इसमें 50 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर जगह भी समतल नहीं थी।
भोले बाबा के पैर छूने की होड़ में भगदड़ मची है। हादसा मंगलवार दोपहर करीब दो बजे हुआ। उस समय सत्संग समाप्त हो गया था और भीड़ अपने वाहनों की ओर जा रही थी। इसी दौरान सत्संग में स्वयंसेवकों भोले बाबा के वाहनों के काफिले को निकालने भीड़ रोक दिया। स्वयंसेवकों ने लाठी डंडों से भीड़ को धकियाकर रोकने और बाबा के काफिले की चरण धूल लेने की होड़ के बीच कुछ महिलाएं गिर पड़ी। इसी बीच स्वयं सेवकों ने उन्हें धकेला तो वहां भगदड़ मच गई और गिरे लोगों को पीछे से आ रहे लोग कुचलते गए।