कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो गई है. 17 अक्टूबर को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने वोट डाला
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कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो गई है.दो दिनों बाद यानी 19 अक्टूबर को चुनाव रिजल्ट जारी किया जाएगा. वोटिंग में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्यों ने हिस्सा लिया. पार्टी के 9000 डेलिगेट्स ने कांग्रेस के अगले अध्यक्ष के लिए आज वोटिंग की.बता दें कि प्रदेश कांग्रेस समितियों (PCC) को डेलिगेट्स कहा जाता है. पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के लिए डेलिगेट्स ने वोटिंग की.
राहुल गांधी ने कर्नाटक के बेल्लारी में भारत जोड़ो यात्रा से संबंधित कंटेनर वाले विश्राम शिविर में बने मतदान बूथ पर वोट डाला. उनके साथ वहां पर लगभग 40 नेताओं ने भी मतदान किया जो उनके साथ इस यात्रा में भारत यात्री हैं.
पार्टी मुख्यालय में वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सबसे पहले मतदान किया. उनके बाद पार्टी महासचिव जयराम रमेश, अजय माकन, मुकुल वासनिक, वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी, विवेक तन्खा, दिपेंद्र हुड्डा समेत कई अन्य लोगों ने भी मतदान किया.
मल्लिकार्जुन खड़गे का मेनिफेस्टो
चुनाव जीते तो पार्टी के 50 फीसदी पदों पर 50 साल से कम उम्र के नेताओं की नियुक्ति होगी.
उदयपुर डिक्लेरेशन को पूरी तरह से लागू किया जाएगा.
महिलाओं, एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के नेताओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा.
सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी नेता एक पद पर पांच साल से ज्यादा समय तक ना रहें.
2024 के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ने के लिए पार्टी को तैयार करेंगे.
शशि थरूर ने किया ये ऐलान
युवाओं-महिलाओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को सशक्त किया जाएगा.
प्रदेश, जिला और ब्लॉक संगठन के फैसले दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के बजाय स्थानीय स्तर पर करने का फॉर्मूला रखेंगे.
मेहनती कार्यकर्ताओं को ज्यादा दायित्व और सम्मान दिया जाएगा.
50 से कम उम्र के लोगों को संगठन में अहम पद, चुनाव में टिकट और एक सीट पर 2 चुनाव हारने वाले को टिकट दोबारा नहीं मिलेगा.
अध्यक्ष बने तो कार्यकर्ताओं से सीधे रिश्ते बनाए रखने पर जोर होगा
137 साल पुरानी पार्टी में तीसरी बार चुनाव
137 साल पुरानी पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए इस बार गैर-गांधी परिवार से किसी नेता का चुना जाता तय है. पिछले 50 सालों में सिर्फ दो बार ही कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग हुई है. पहली बार 1997 के चुनाव में तीन उम्मीदवार सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट चुनावी मैदान में थे. सीताराम केसरी 6224 वोट पाकर कांग्रेस अध्यक्ष बने थे. दूसरी बार साल 2000 में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच हुआ था जिसमें सोनिया गांधी को 7,448 और जितेंद्र प्रसाद को 94 वोट मिले थे.