भारतीय हाई कमीशन ने कहा कि उसने ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया है और हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है
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लंदन: लंदन में भारतीय उच्चायोग ने आज यूनाइटेड किंगडम के लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा की कड़ी निंदा की। भारतीय उच्चायोग ने अपने बयान में लीसेस्टर में हिंदू धार्मिक परिसरों की हिंसा और तोड़फोड़ का कड़ा विरोध किया। भारतीय उच्चायोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “हमने इस मामले को ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ मजबूती से उठाया है और इन हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। हम अधिकारियों से प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान करते हैं।”
भारतीय उच्चायोग ने भी अधिकारियों से प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया है।
Press Release: High Commission of India, London condemns the violence in Leicester. @MIB_India pic.twitter.com/acrW3kHsTl
— India in the UK (@HCI_London) September 19, 2022
सूत्रों से पीटीए चला है कि लीसेस्टर पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है और शांति की अपील की है। इस पूरे मामले की शुरुआत भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप में खेले गए मैच के बाद हुई है। इसके बाद से ही इंग्लैंड के लीसेस्टर शहर में दोनों समुदायों के बीच तनाव है । हिंसा व तनाव की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं । इसी दौरान एक हिन्दू धर्मस्थल में तोड़फोड़ व झंडा निकालने की भी बात सामने आई है ।
Hindu right wing diaspora march while Muslims were praying has led to a clash in Leicester, UK. The Indian disease has spread to the UK. pic.twitter.com/Odk5jfhGOk
— Ashok Swain (@ashoswai) September 17, 2022
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के मैच के बाद छह सितंबर को लीसेस्टर में गुस्साए पाकिस्तानी मुसलमानों ने हिंदुओं को निशाना बनाया था । इसी दौरान एक समुदाय ने दूसरे के समुदाय के एक धर्मस्थल का झंडा उखाड़ दिया था । सोशल मीडिया में इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसके बाद रविवार को फिर दूसरे समुदाय के धर्मस्थल में तोड़फोड़ की खबर मिली ।
Indian restaurant Street Taste attacked in #Leicester, UK pic.twitter.com/e1HPuxutcu
— World Hindu Council (@WldHinduCouncil) September 19, 2022
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया में कई तरह के दावे भी किये जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि एक विरोध मार्च के चलते इस हिंसा ने जन्म लिया है।