इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी (BMKG) ने भूकंप को 6.2 की उच्च तीव्रता दी, जबकि यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि भूकंप के झटके केंद्र से लगभग 120 किलोमीटर उत्तर-पूर्वोत्तर में स्थित मेदान में महसूस किए गए.
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जकार्ता: इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप तट पर सोमवार तड़के भूकंप के तेज झटके महसूस हुए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई. अमेरिकन जियोलॉजिकल सर्वे ने इसकी जानकारी दी. यूएसजीएस ने बताया कि भूकंप का केंद्र आचे प्रांत के सिंगकिल शहर से 48 किलोमीटर (30 मील) दक्षिण-दक्षिण पूर्व में, 48 किलोमीटर गहराई में था. यह स्थानीय समयानुसार (2330 GMT) सुबह करीब 6:30 बजे हुआ. इंडोनेशियाई एजेसी की ओर से किसी के हताहत होने या बड़े नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं थी, न ही सुनामी की कोई चेतावनी दी गई.
37 किलोमीटर की गहराई पर आया भूकंप
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने अपनी वेबसाइट पर एक अपडेट में कहा कि भूकंप इंडोनेशिया के सिंगकिल शहर से 40 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में आया है. भूकंप 37 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया था. अब तक, देश में किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. गौरतलब है कि इंडोनेशिया में 17,000 से अधिक द्वीप हैं.
सुनामी की चेतावनी नहीं
तेज झटकों के बाद भी इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी द्वारा सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की है. इंडोनेशिया प्रशांत ‘रिंग ऑफ फायर’ पर अपनी स्थिति के कारण अक्सर भूकंपीय और ज्वालामुखी गतिविधि का अनुभव करता है, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स टकराती हैं. पिछले साल 21 नवंबर को, जावा के मुख्य द्वीप पर आबादी वाले पश्चिम जावा प्रांत में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 602 लोग मारे गए थे. अधिकांश पीड़ितों की मौत इमारतों के गिरने या भूस्खलन की वजह से हुई थी.
सुलावेसी में 2018 में आए भूकंप और सूनामी के बाद का यह इंडोनेशिया में सबसे घातक भूकंप था, उस दौरान इसमें लगभग 4,340 लोग मारे गए थे. सुमात्रा द्वीप के सबसे घातक भूकंपों में से एक 26 दिसंबर, 2004 को आया था, जिसने हिंद महासागर में सूनामी लाई थी. इस आपदा में 230,000 से अधिक लोग मारे गए थे. इनमें इंडोनेशिया के अलावा श्रीलंका, भारत और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे.