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नई शिक्षा नीत को खत्म करके कर्नाटक के बच्चों के साथ अन्यायः भाजपा

By Rakesh 

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बेंगलुरू। वरिष्ठ भाजपा नेता बसवराज बोम्मई ने बुधवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से अगले शैक्षणिक वर्ष से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को खत्म करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की।

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बोम्मई ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार एनईपी को खत्म करके कर्नाटक के बच्चों के साथ अन्याय करेगी। भाजपा नेता ने बताया कि केंद्र द्वारा लाए गए एनईपी मसौदे को सिद्धारमैया ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान मंजूरी दे दी थी। पूर्व इसरो प्रमुख और पूर्व कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन को केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए टास्क फोर्स का प्रमुख नियुक्त किया था।

उन्होंने बताया कि उनकी सलाह पर एनईपी का मसौदा तैयार किया गया था।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब यह मामला है तो केवल छोटे राजनीतिक कारणों से सिद्धारमैया शिक्षा की एक नई पॉलिसी लाना चाहते हैं। यह कर्नाटक के बच्चों के भविष्य के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि जहां तक शिक्षा का सवाल है, एनईपी सबसे प्रगतिशील कानून है और कांग्रेस सरकार इसे खत्म कर रही है। यह कर्नाटक के बच्चों के लिए सबसे बड़ा नुकसान है।

उनके मुताबिक अभिभावक पहले ही एनईपी को खत्म करने के फैसले पर नाराजगी जता चुके हैं। बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक के लोग एनईपी को खत्म करने की अनुमति नहीं देंगे और भाजपा उनके साथ खड़ी रहेगी।

भाजपा नेता ने कहा, “बच्चों के हितों की रक्षा के लिए हम कर्नाटक के लोगों के साथ हैं। एनईपी यहीं रहने वाली है। मैं सिद्धारमैया से पूरे प्रस्ताव यानि एनईपी को खत्म करने पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं। कर्नाटक में पिछली भाजपा सरकार ने एनईपी लागू किया था जिसे सिद्धारमैया ने कहा था कि इसे अगले साल से खत्म कर दिया जाएगा।

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