पंकज मिश्रा के बाद मुख्य संदिग्ध के रूप में सामने आए दाहू यादव के घर पर ED की टीम ने अभी तक लोहे का संदूक नहीं खोला है। ED की टीम उसकी तलाश कर रही है।
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रांची, 09 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के 5 करीबी सहयोगियों के साहिबगंज स्थित ठिकानों में छापेमारी की। बरहरवा के कृष्णा साव, सोहनपुर के दाहू यादव, छोटू यादव, भगवान भगत और भावेश भगत के आवास पर छापेमारी जारी है। अबतक की छापेमारी में 5.32 करोड रुपये बरामद की गई है।
दाहू यादव का संदूक खुलना बाकी
वहीं पंकज मिश्रा के बाद मुख्य संदिग्ध के रूप में सामने आए दाहू यादव के घर पर ED की टीम ने अभी तक लोहे का संदूक नहीं खोला है। ED की टीम उसकी तलाश कर रही है। ईडी के मुताबिक वो कामाख्या मंदिर में पूजा करने के लिए गुवाहाटी गए हैं। शुक्रवार से शुरू हुई छापेमारी के दौरान नकदी और दस्तावेजों के अलावा ED ने एक संदिग्ध के परिसर से 3 पिस्तौल और 2 राइफलें बरामद की गई हैं। छापेमारी चल रही है।
कौन-कौन ED की रडार पर
इससे पहले ED ने शुक्रवार को पंकज मिश्रा और उनके साथियों के आवास पर छापेमारी की थी। इनमें दाहू यादव, छोटू यादव, सोनू सिंह, सुनील यादव, बच्चू यादव, कृष्णा साव, निमाई सील, सुब्रतो पाल, राजू भगत, पत्रू सिंह, ट्विंकल भगत, भगवान भगत, कन्हैया खुदानिया, संजय दीवान और भावेश भगत शामिल हैं।
केस में कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम का नाम
गौरतलब है कि ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा पर 4 जून को केस दर्ज किया था। उनपर साहिबगंज जिले के बरहरवा थाने में साल 2020 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसी के तहत उन्हें आरोपी बनाया गया है। इस मामले में ED ने शंभु नंद कुमार का बयान भी दर्ज किया था। शंभु ने ED को दिये अपने बयान में राज्य के कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम का नाम लिया था।
बतादें कि साहिबगंज जिले के बरहरवा में जून 2020 के टेंडर विवाद में एक केस दर्ज किया गया था। इसे ED ने टेकओवर कर लिया है। बड़हरवा का ये केस शंभु नंदन कुमार उर्फ शंभु भगत ने दर्ज कराया था। उन्होंने टेंडर विवाद के मामले में बड़हरवा थाने में मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा के इशारे पर मारपीट करने की FIR दर्ज करायी थी, लेकिन दोनों ही आरोपियों को साहिबगंज पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी।