झारखंड में एक PIL को आधार बनाकर हेमंत सरकार ने पूर्व बीजेपी सरकार के 5 मंत्रियों के खिलाफ ACB जांच के आदेश दे दिए हैं। इस आदेश के बाद पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है।
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रांची, 01 जून। मौजूदा झारखंड सरकार ने पूर्व की रघुवर दास सरकार के 5 मंत्रियों की संपत्ति से जुड़े मामलों की जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को आदेश दिए हैं। पांचों पूर्व मंत्रियों में नीरा यादव, अमर कुमार बाउरी, रणधीर कुमार सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा और लुईस मरांडी शामिल हैं। वहीं प्रदेश में इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है। बीजेपी सरकार की इस कार्रवाई को बदले की भावना से जोड़कर देख रही है। जबकि सोरेन सरकार का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
2020 में दायर हुई थी याचिका
गौरतलब कि झारखंड हाईकोर्ट में पंकज कुमार यादव ने एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें पूर्व की रघुवर सरकार के 5 मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगाया गया था। इसी जनहित याचिका के आधार पर सीएम हेमंत सोरेन ने पूर्व मंत्रियों के खिलाफ ACB जांच के आदेश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक साल 2020 में इन पांचों पूर्व मंत्रियों की संपत्ति की जांच की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में एक PIL दाखिल की गई थी। ये PIL पंकज कुमार यादव ने दाखिल की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि चुनाव के दौरान इनके द्वारा दाखिल शपथपत्र के विश्लेषण से ये साफ जाहिर है कि बहुत ही कम समय में इनकी संपत्ति में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है।
बीजेपी नेताओं पर 200-1000 % आय में बढ़ोतरी का आरोप
याचिकाकर्ता ने पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह, पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव, पूर्व समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी और पूर्व खेल मंत्री अमर कुमार बाउरी की अर्जित संपत्ति की ACB से जांच कराने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि पूर्व मंत्रियों ने 5 साल के कार्यकाल के दौरान 200 प्रतिशत से लेकर एक हजार प्रतिशत तक अपनी आय में बढ़ोतरी की थी। अब इस मामले पर जांच के आदेश के बाद झारखंड में बयानबाजी का दौर तेज हो गया है और पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है।
बीजेपी नेता लुईस मरांडी का पलटवार
दुमका से बीजेपी की पूर्व विधायक और रघुवर सरकार में समाज कल्याण मंत्री रह चुकी लुईस मरांडी ने मामले पर कहा कि हमें सरकार से गए हुए ढाई साल से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन मौजूदा सरकार विद्वेष की भावना से काम कर रही है। लुईस मरांडी ने कहा कि जिस तरह की गतिविधि प्रदेश में चल रही है इससे तो लगता है खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली बात हो रही है। बतादें कि रघुवर सरकार के जिन मंत्रियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं इनमें पूर्व समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी का भी नाम शामिल है।
बीजेपी नेता प्रवीण सिंह ने सीएम सोरेन पर निशाना साधता
दूसरी ओर मामले पर बीजेपी नेता प्रवीण सिंह ने कहा है कि जांच का आदेश यकीनन इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि सीएम अपनी बदनामी से बचने के लिए दूसरे को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जब मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच बैठती है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा कहती है कि आदिवासी को परेशान किया जा रहा है। ये सब सीएम सोरेन की हड़बड़ाहट को दर्शाता है।
मामले में JMM का बयान
उधर मामले पर JMM प्रवक्ता मनोज पांडे का कहना है कि जो जांच की बात हुई है, उसके पीछे पुख्ता सबूत हैं। मनोज पांडे ने कहा कि इस मामले पर जनहित याचिका भी दायर की गई है और इस आधार पर कार्रवाई हो रही है। JMM नेताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। यहां तक कि कांग्रेस ने भी हेमंत सरकार के फैसले का स्वागत किया है।