भारत निर्वाचन चुनाव आयोग ने सीएम सोरेन को जो नोटिस भेजा है उसमें इसका जिक्र है कि 10 मई तक हेमंत सोरेन को संभावित कार्रवाई से बचने के लिए अपना जवाब देना है।
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रांची, 05 मई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग ने उन्हें खदान लीज मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 10 मई तक का वक्त दिया है। भारत निर्वाचन चुनाव आयोग ने सीएम सोरेन को जो नोटिस भेजा है उसमें इसका जिक्र है कि 10 मई तक हेमंत सोरेन को संभावित कार्रवाई से बचने के लिए अपना जवाब देना है। अगर समय रहते उन्होंने जवाब नहीं दिया तो ये समझा जाएगा कि उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को मंजूर कर लिया है।
चुनाव आयोग मामले में कर सकता है फैसला
जिसके बाद चुनाव आयोग मामले में एकतरफा फैसला कर सकता है। आयोग इसके बाद राजभवन को मंतव्य देगा और फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी। राज्यपाल रमेश बैस की ओर से पहले ही कहा गया है कि सीएम हेमंत सोरेन के खदान लीज मामले में उनपर कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री अयोग्य ठहराए जा सकते हैं। मामले में हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी भी गंवानी पड़ सकती है।
मुख्यमंत्री कार्यालय को CM के लौटने का इंतजार
फिलहाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी मां के इलाज को लिए हैदराबाद में हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय को उनके वापस लौटने का इंतजार है। वहीं अब सीएम हेमंत सोरेन के भाई विधायक बसंत सोरेन को भी चुनाव आयोग का नोटिस मिलने की खबर सामने आ चुकी है। बसंत पर माइनिंग कंपनी में पार्टनर होने की शिकायत राज्यपाल रमेश बैस से की गई है।