1. हिन्दी समाचार
  2. राजस्थान
  3. नागौर से ज्योति मिर्धा और बेनीवाल लगातार बने रहे सुर्खियों में,क्या नागौर लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण बदलेगा चुनावी गणित

नागौर से ज्योति मिर्धा और बेनीवाल लगातार बने रहे सुर्खियों में,क्या नागौर लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण बदलेगा चुनावी गणित

नागवंश की राजधानी रहे राजस्थान के नागौर में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है. इस शहर की फितरत है कि हर बार यहां या तो नई पार्टी को चुना जाता है या फिर नये नेता को, यहां से आरएलपी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल सीटिंग सांसद हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि वह अपनी सीट बचा पाएंगे या फिर यह सीट अपनी परंपरा फिर से दोहराएगी.

By Rajasthan Bureau@indiavoice.co.in 

Updated Date

नागौर लोकसभा सीट

पढ़ें :- राजस्थान में अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए नया कड़ा कानून, आजीवन कारावास तक सजा का प्रावधान

नागौर लोकसभा सीट की अपनी एक अलग तासीर है. इस सीट पर हर बार या तो जीतने वाली पार्टी बदल जाती है या फिर यहां प्रत्याशी बदल जाते है. पिछले लोकसभा चुनावों में इस सीट से आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल सांसद चुने गए थे. ऐसे में इस बार नागौर लोकसभा सीट पर लड़ाई भी बड़ी है. देश की आजादी के साथ अस्तित्व में आइ इस लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था. उस समय यहां से स्वतंत्र उम्मीदवार जीडी गोस्वामी चुनाव जीते थे. इस सीट पर जाट केंद्रित राजनीति सबसे बड़ा फैक्टर है और नागौर को जीतने के लिए इस समुदाय का समर्थन हासिल करना महत्वपूर्ण है. नागौर लोकसभा सीट परंपरागत रूप से कांग्रेस की सीट रही है. हालांकि, पिछले दो चुनावों में भाजपा ने इस परंपरा को बदल दिया है. 2019 के चुनाव में भाजपा ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के साथ गठबंधन कर नागौर सीट जीती थी.

इस बार के लोकसभा चुनाव में नागौर सीट से बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा ने मोदी लहर और राम मंदिर निर्माण को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने के प्रयास किये हैं. वहीं उन्होने मतदाताओं को रिझाने के लिए इमोशनल कार्ड भी खेला है. इसके उलट हनुमान बेनीवाल के साथ अब खुद के जनाधार के साथ कांग्रेस का अच्छा खासा वोट बैंक भी जुड़ गया है. आपको बता दें साल 2019 में हनुमान बेनीवाल ने BJP के NDA अलायंस के साथ RLP प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ा था. उस समय भी ज्योति मिर्धा ही बतौर कांग्रेस प्रत्याशी उनके सामने मैदान में उतरी थीं. ऐसे में नागौर में एक बार फिर वही प्रत्याशी मैदान में उतरे है, लेकिन इस बार प्रत्याशियों के पाले बदल गए हैं.

 

पढ़ें :- प्रधानमंत्री 9 दिसंबर को राजस्थान और हरियाणा का करेंगे दौरा, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के मुख्य परिसर की रखेंगे नींव
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com