22 सितंबर 2025 से लागू: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने GST स्लैब को सुविधाजनक रूप से दो—5% और 18%—में बदल दिया है। कई आवश्यक खाद्य और दवाएँ टैक्स-फ्री, होटल और फ्लाइट टैक्स में कमी, और 'sin goods' पर बना उच्च टैक्स। जानिए कौन-सी वस्तुओं पर कितना टैक्स होगा।
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नई दिल्ली, 4 सितंबर 2025 — वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी गणतंत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की, जिसने चार टैक्स स्लैब को केवल दो—5% और 18%—में समेकित कर दिया है। यह नवीनतम सुधार 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होगा, जो नववरात्रि के पहले दिन से लागू होगा
टैक्स-फ्री (0%)
रोजमर्रा की जीवन की वस्तुएँ जैसे UHT दूध, पनीर, रोटी/पराठा, जीवनरक्षक दवाएँ (उदाहरण: कुछ कैंसर उपचार की दवाएँ) को कर-मुक्त किया गया।
5% स्लैब में शामिल:
पैकेज्ड खाद्य पदार्थ जैसे बटर, घी, पनीर, पग्गा, पेस्ट्री, नमकीन, चॉकलेट, नूडल्स।
व्यक्तिगत देखभाल (हाथ धोने वाले सामान, शैम्पू, हेयर आयल, टूथपेस्ट) और सौंदर्य/फिटनेस सेवाएं (योग, पार्लर, जिम)
कृषि और कृषि इनपुट्स: उर्वरक, बीज – 5%
18% स्लैब में शामिल:
इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरण: टीवी, एसी, डिशवॉशर आदि
निर्माण सामग्री: सीमेंट 28% से घटकर 18%
छोटे वाहन: 350cc तक की मोटरसाइकिल, ऑटो पार्ट्स, ट्रक, बस, एम्बुलेंस — सब पर 18% GST लागू रहेगा
40% स्लैब – ‘Sin Goods’ और लग्ज़री आइटम:
तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट, लग्ज़री कार, यॉट, हेलिकॉप्टर जैसी वस्तुएँ इस उच्च स्लैब के अंतर्गत आती हैं। इसमें कम्पन्सेशन सेस भी लगा रहेगा जब तक राज्यों को इसकी देनदारी पूरी नहीं हो जाती
सेवाओं पर राहत:
होटल में stay (₹7,500 तक प्रति दिन) पर GST 5%, पहले 12%.
इकोनमी फ्लाइट्स पर 5% (पहले 18%), बिजनेस क्लास पर 12% (पहले 18%)
जीवन और स्वास्थ्य बीमा (individual policies) अब GST-फ्री
उपभोक्ताओं को रिलीफ: घरेलू किराने के बिल, यात्रा और स्वास्थ्य सेवा खर्च में कमी।
उद्योगों को प्रोत्साहन: रियल इस्टेट (सस्ती सीमेंट), रिटेल इलेक्ट्रॉनिक्स (AC, टीवी), FMCG (पैकेज्ड फूड) में मांग बढ़ने की संभावनाएं।
सरकारी राजस्व पर असर: अनुमान लगाया जा रहा है कि ये रियायतें सरकार को ₹48,000 करोड़ (लगभग $5.5 बिलियन) की राजस्व हानि करा सकती हैं।
महंगाई में गिरावट: विशेषज्ञों का अनुमान है कि इससे महंगाई दर में 1.1 प्रतिशत अंक तक की कमी आ सकती है।
✍️Abhishek Yadav