छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं का विस्तार किया।
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं का विस्तार किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्यमंत्री मितान योजना का सभी नगर पालिकाओं में शुभारंभ किया। जिसके बाद अब मितान योजना में श्रमिक कार्ड सहित 25 सेवाओं की सुविधा घर बैठे हितग्राहियों को मिलेगी। अब तक मुख्यमंत्री मितान योजना की सुविधा नगर निगम क्षेत्र के नागरिकों को मिल रही थीं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क (UIPA) का भी शुभारंभ किया। ताकि शहरी क्षेत्रों में भी स्टार्टअप उद्यमियों, स्व-सहायता समूहों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकें। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत मोबाईल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उल्लेखनीय है कि नागरिकों में नीली गाड़ी के नाम से मशहूर एमएमयू की बड़ी लोकप्रियता है, जिसके बाद नागरिकों की आवश्यकताओं को देखते हुए गाड़ियों की संख्या बढ़ाई गई है।
मुख्यमंत्री मितान योजना के तहत अब तक 99 हजार 999 सर्टिफिकेट घर पहुंचाएं जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने शनिवार को मितान योजना का एक लाखवां सर्टिफिकेट हितग्राहियों को सौंपा।
सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नगर निगम क्षेत्रों में नागरिकों को घर बैठे विभिन्न शासकीय दस्तावेज मितान के माध्यम से उपलब्ध हो रहे हैं। मुझे आशा है कि इस अभिनव प्रयास से हमारे शहरों में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे, साथ ही शहरी अर्थव्यवस्था को नई गति प्राप्त होगी।
पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान हमारी कोशिश रही है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ-साथ राज्य की शहरी अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जाए। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा शहरी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती देने के लिए हमने मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना और श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना प्रारंभ की।
हर घर तक साफ पेयजल की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पाइप लाइनों का विस्तार किया गया है। स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ को उत्कृष्ट कार्यों के लिए लगातार तीन वर्षों तक केंद्र सरकार ने पुरस्कृत किया है। राज्य सरकार द्वारा प्रति इंडस्ट्रियल पार्क 02 करोड़ रुपए की राशि संबंधित निकायों को प्रदान की जा रही है।