युवाओं के उच्च शिक्षा के लिए योगी सरकार गंभीर है। सरकार की मंशा है कि उच्च शिक्षा के लिए छात्र-छात्राओं को इधर-उधर भटकना न पड़े। उन्हें अपने जिले में ही डिग्री मिल जाए।
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लखनऊ। युवाओं के उच्च शिक्षा के लिए योगी सरकार गंभीर है। सरकार की मंशा है कि उच्च शिक्षा के लिए छात्र-छात्राओं को इधर-उधर भटकना न पड़े। उन्हें अपने जिले में ही डिग्री मिल जाए। जिससे उनके समय और पैसे की भी बचत हो जाए और नौकरी के भी रास्ते खुल जाएं।
इसी के लिए प्रदेश सरकार ने कवायद तेज कर दी है। शासन अब हर असेवित जिले (जहां एक भी सरकारी या निजी विश्वविद्यालय नहीं है) में विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी में है। इसके तहत हर छूटे हुए जिले में एक निजी विश्वविद्यालय खोला जाएगा।
वर्तमान में 20 सरकारी और 30 से अधिक निजी विश्वविद्यालय संचालित हैं। इसी क्रम में अब सरकार का फोकस उन जिलों पर है, जहां एक भी निजी व सरकारी विश्वविद्यालय नहीं है। जिससे वहां के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे जिलों में जाना पड़ता है।
सरकार की मंशा है कि एक जिले में कम से कम एक सरकारी या निजी विश्वविद्यालय जरूर हो। इसके लिए वह नीति को अंतिम रूप दे रही है। हाल के दिनों में कई निजी विश्वविद्यालयों को लेकर लेटर आफ इंटेंट दिए गए हैं।
दूसरी तरफ शासन ने तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों मां शाकुंभरी विश्वविद्यालय सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय अलीगढ़ और महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ में शैक्षिक व गैर शैक्षणिक पदों का सृजन कर दिया गया है। इन पदों पर जल्द भर्ती कर नए सत्र से पठनपाठन शुरू करने की तैयारी है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का कहना है कि हर छूटे हुए जिले में एक निजी विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हमारे पास कई निजी विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव भी हैं। इससे युवाओं को उनके ही जिले में उच्च शिक्षा के अवसर मिलेंगे। उन्हें दूसरे जिले में उच्च शिक्षा के लिए नहीं जाना पड़ेगा। जिससे उनका समय और पैसा दोनों बचेगा।