Jagdanand Singh:बिहार के RJD में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के गैर मौजूदगी से पार्टी कि मुश्किलें बढ़ती जा रही है,जगदानंद सिंह RJD के प्रदेश अध्यक्ष बनने के कुछ दिन बाद से ही पार्टी कार्यालय आना बंद कर दिये थे,ऐसी स्थिति में न तो प्रदेश कार्यकारिणी का गठन हो पा रहा है न ही सही तरीके से संगठन की गतिविधियां चल पा रही है,इसलिए इस पर जल्द ही लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव द्वारा कोई निर्णय लिया जा सकता है।
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Patna News: बिहार के RJD में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के गैर मौजूदगी से पार्टी कि मुश्किलें बढ़ती जा रही है,जगदानंद सिंह RJD के प्रदेश अध्यक्ष बनने के कुछ दिन बाद से ही पार्टी कार्यालय आना बंद कर दिये थे,ऐसी स्थिति में न तो प्रदेश कार्यकारिणी का गठन हो पा रहा है न ही सही तरीके से संगठन की गतिविधियां चल पा रही है,इसलिए इस पर जल्द ही लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव द्वारा कोई निर्णय लिया जा सकता है,अब कई सवाल सामने आ रहा है कि क्या जगदानंद सिंह हटा दिए जाएंगे? सवाल यह भी है कि अब किस नेता को प्रदेश आरजेडी की कमान मिलेगी?
अनुमान लगाया जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव इलाज के लिए सिंगापुर जाने से पहले प्रदेश अध्यक्ष को लेकर बड़ा फैसला ले सकते है. हालांकि, यह खबर भी सामने आ रही है कि लालू प्रसाद यादव अंतिम बार जगदानंद सिंह को मनाने की भी कोशिश करेंगे.अगर वे तैयार नहीं होते हैं तो अगले एक सप्ताह के भीतर नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर फैसला लिया जा सकता है.प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह अंतिम बार 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन प्रदेश कार्यालय आए थे. लेकिन, इसके बाद प्रदेश कार्यालय नहीं आए हैं. जगदानंद सिंह की नाराजगी की मुख्य वजह कृषि मंत्री और पुत्र सुधाकर सिंह का इस्तीफा और नितिन कुमार का 2023 में मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने का बयान माना जा रहा है.
दरअसल, प्रदेश अध्यक्ष के कुर्सी से जगदानंद सिंह को हटाने का फैसला पार्टी के लिये बड़ा फैसला साबित हो सकता है. जगदानंद सिंह राजद और लालू के साथ हर अच्छे और बुरे वक्त में साथ खड़े रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष रहते जगदानंद सिंह ने कई बड़े फैसले लिए और राजद में अनुशासन कायम किया है.प्रदेश अध्यक्ष के पद से अगर जगदानंद सिंह को हटाया जाता है तो राजद को एक ऐसे चेहरे की तलाश है जो ना सिर्फ संगठन को समझता हो, बल्कि संगठन को मजबूती से चला सकने की क्षमता रखता हो. इसके साथ ही वह लालू परिवार का विश्वस्त भी हो. इसके लिए कई नामों की चर्चा शुरू हो गई है. नये प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में अब्दुल बारी सिद्दकी, उदय नारायण चौधरी, तनवीर हसन नामों को लेकर चर्चा जारी है.
चर्चा तो यह भी है कि पिछले चुनावों में मुस्लिम वोट बैंको में बिखराव को देखते हुए मुस्लिम प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर भी फैसला हो सकता है. खास तौर पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के बढ़ते प्रभाव की काट खोजने के लिए राजद यह फैसला ले सकता है. हालांकि, सबकुछ जगदानंद सिंह के अगले रुख पर निर्भर करता है.