अलीगढ़ के पास रेलवे की लापरवाही से जान गंवाने वाले नीलांचल एक्सप्रेस के यात्री हरिकेश के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.
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Aligarh Train Death News: अलीगढ़ के पास रेलवे की लापरवाही से जान गंवाने वाले नीलांचल एक्सप्रेस के यात्री हरिकेश के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. रेलवे की ओर से पहले 15 हजार रुपये के मुआवजे की पेशकश की गई थी. लेकिन सुल्तानपुर की सांसद मेनका गांधी और पूर्व विधायक देव मणि की पहल के बाद रेल मंत्री ने यह घोषणा शनिवार देर शाम की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पीड़ित परिजनों की मांग को देखते हुए यह घोषणा की है .
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनंसपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल एवं मीडिया को जारी बयान के माध्यम से इसकी जानकारी दी है.रेल मंत्रालय ने हादसे के करीब 36 घंटे पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. इस प्रकरण में सुल्तानपुर की सांसद मेनका गांधी ने रेल मंत्री से पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करने की पहल की थी. देर शाम रेल मंत्री के स्तर से यह घोषणा की गई है.
हरिकेश नीलांचल एक्सप्रेस से दिल्ली से सुल्तानपुर जा रहे थे. अलीगढ़ के पास लोहे का सरिया पटरी के किनारे से उड़ा, खिड़की के शीशे को तोड़ता हुआ हरिकेश के गले में घुस गया. दिल्ली- हावड़ा ट्रैक पर सोमना और डावर स्टेशन के बीच यह हादसा हुआ. हरिकेश जनरल कोच में सफर कर रहे थे. जीआरपी की प्रारंभिक जांच में रेलवे की लापरवाही का मामला सामने आया है. रेलवे की लापरवाही पर हरिकेश के परिजनों ने भारी रोष व्यक्त किया. इसके बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हरिकेश दुबे के परिजनों को 5 लाख रुपये की मुआवजा राशि दिए जाने क ऐलान किया है.
रेलवे अधिकारियों का दिखा असंवेदनशील चेहरा
रेल हादसे के बाद स्थानीय रेलवे से जुड़े अफसरों का असंवेदनशील चेहरा भी देखने को मिला. एक ओर हरिकेश के परिजन हादसे की खबर मिलने के बाद शुक्रवार देर शाम ही अलीगढ़ पहुंच गए थे. उन्होंने रात में ही पोस्टमार्टम कराने की व्यवस्था कराने की मांग थी.इसके बाद भी रेलवे अफसरों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि रात में पोस्टमार्टम के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी. रात भर परिजन पोस्टमार्टम हाउस पर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करते रहे. पिता संतराम दुबे ने आरोप लगाया कि रेलवे की लापरवाही से ही बेटे की मौत हुई है.वे मृतक का शव लेकर वहां से चले गए. इसके बाद यह मामला गरमा गया. सोशल मीडिया पर भी रेलवे विभाग को ट्रोल किया जाने लगा.