भारत ने आक्रामक चीन को रोकने के एक स्पष्ट प्रयास के तहत ‘‘जवाबी हमले की क्षमताओं’’ सहित रक्षा बलों के विस्तार और आधुनिकीकरण की जापान की योजनाओं को भी अपना समर्थन दिया
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रमण्यम जयशंकर ने भारत-जापान टू प्लस टू बैठक सम्पन्न होने के बाद आज जापान के प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा से मुलाकात की. डॉक्टर जयशंकर ने भारत और जापान की नीतियों और हितों के बीच निकट सहयोग के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि श्री किशिदा और प्रधानमंत्री मोदी ने जो परिकल्पना तैयार की है, वह शीघ्र ही साकार हो जाएगी. श्री राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन पर संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि भारत और जापान के बीच भागीदारी इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रमण्यम जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी ‘टू प्लस टू’ बैठक के बाद प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा से बात करके खुशी हुईं. भारत और जापान के हितों एवं उनकी नीतियों के बीच निकट समन्वय के महत्व को रेखांकित किया.’’ उन्होंने कहा कि बैठक में भरोसा जताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किशिदा ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने को लेकर जो रूपरेखा तैयार की है, उसे जल्द ही अमलीजामा पहनाया जाएगा.
Pleased to call on PM Fumio Kishida at the conclusion of our 2+2 meeting. Underlined the importance of closer coordination of policies and interests of India and Japan at this time. pic.twitter.com/agnv554SmZ
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 9, 2022
जापान और भारत क्वाड के सदस्य हैं
बयान में किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा गया कि जापान ने ‘‘तथाकथित ‘जवाबी हमले की क्षमताओं’ सहित राष्ट्रीय रक्षा के लिए आवश्यक सभी विकल्पों की समीक्षा करने का संकल्प भी व्यक्त किया.’’ जापान और भारत चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद यानी ‘क्वाड’ के सदस्य हैं, जिसमें अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं. यह एक रणनीतिक समूह है, जिसे कुछ लोग हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अहम मानते हैं.