अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है। 500 वर्षों से अधिक का इंतजार खत्म हो गया है। रामलला राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं। इस मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि आदिवासी मां शबरी कब से कहती थी कि राम आएंगे।
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अयोध्या। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है। 500 वर्षों से अधिक का इंतजार खत्म हो गया है। रामलला राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं। इस मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि आदिवासी मां शबरी कब से कहती थी कि राम आएंगे।
प्रत्येक भारतीय में जन्मा यही विश्वास समर्थ, सक्षम, भव्य भारत का आधार बनेगा। सभी भारतीयों में अपनत्व की भावना नए भारत का आधार बनेगी। आज देश में निराशावाद की जगह नहीं है। अगर कोई यह सोचे कि मैं सामान्य और छोटा हूं तो उसे गिलहरी को याद करना चाहिए। यह सिखाएगा कि छोटे-बड़े हर प्रयास की ताकत होती है, योगदान होता है। यही भावना समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत का आधार बनती है।
महाबली रावण से भिड़कर जटायु ने दिया निष्ठा का परिचय
उन्होंने कहा कि लंकापति रावण ज्ञानी थे, लेकिन जटायु की मूल्य निष्ठा देखिए। वे महाबली रावण से भिड़ गए। उन्हें पता था कि वे परास्त नहीं कर पाएंगे, फिर भी उन्होंने रावण को चुनौती दी। कर्तव्य की यही परकाष्ठा समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत का आधार है। आइए हम संकल्प लें कि राम काज से राष्ट्रकाज करेंगे। समय का पल-पल, शरीर का कण-कण इसमें लगा देंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि यह मंदिर मात्र एक दैव मंदिर नहीं है। यह भारत की दृष्टि का, दर्शन का, दिग्दर्शन का मंदिर है। यह राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, भारत के आधार हैं। राम भारत का विचार है, विधान हैं। चेतना है, चिंतन हैं। प्रतिष्ठा हैं, प्रताप हैं। राम नेकी भी है, नीति भी है। नित्यता भी है, निरंतरता भी हैं। राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं।
जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव वर्षों, शताब्दियों तक नहीं होता, हजारों वर्षों के लिए होता है। राम के विचार जनमानस में भी हों, यही राष्ट्र निर्माण की सीढ़ी है। हमें चेतना का विस्तार देना होगा। हनुमान जी की भक्ति, उनकी सेवा, उनका समर्पण ऐसे गुण हैं, जिन्हें हमें बाहर नहीं खोजना पड़ता। प्रत्येक भारतीय में भक्ति, सेवा के भाव आधार बनेंगे। यही है देव से देश, राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार।
सागर से सरयू तक रामनाम का छाया रहा उत्सवः PM
पीएम मोदी ने कहा कि अपने 11 दिन के व्रत अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरण स्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु श्रीराम के चरण पड़े थे। चाहे नासिक हो, केरल हो, रामेश्वरम हो या फिर धनुषकोडी, मेरा सौभाग्य है कि सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला। सागर से सरयू तक रामनाम का वही उत्सव छाया हुआ है। प्रभु राम तो भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं। हम भारत में कहीं भी किसी की अंतरआत्मा को छुएंगे तो इसी एकत्व की अनुभूति होगी। देश को समायोजित करने वाला इससे उत्कृष्ट सूत्र और क्या हो सकता है। देश के कोने-कोने में रामायण सुनने का अवसर मिला है।
समारोह को योगी आदित्यनाथ के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी संबोधित किया। CM योगी ने कहा कि भारत का हर मार्ग रामजन्मभूमि की ओर आ रहा है। उन्होंने कहा कि 500 साल बाद रामलला विराजे हैं। मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था।
भारत का हर नगर, हर ग्राम अयोध्या धाम है, हर मन में राम नाम हैः योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभु रामलला के भव्य, दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई। आज इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का हर नगर, हर ग्राम अयोध्या धाम है, हर मन में राम नाम है। योगी ने रामलला भगवान की जय बोलने के साथ भारत माता की जय और जैजै सीतारम से भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मन भावुक है। भावविभोर है। खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है। प्राण प्रतिष्ठा की सभी को बधाई।