लखनऊ की पूर्व एसएसपी मंजिल सैनी पर शासन का शिकंजा कस गया है। वर्तमान में वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर एनएसजी में डीआईजी पद पर तैनात हैं।
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लखनऊ। लखनऊ की पूर्व एसएसपी मंजिल सैनी पर शासन का शिकंजा कस गया है। वर्तमान में वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर एनएसजी में डीआईजी पद पर तैनात हैं। वह मई 2016 से अप्रैल 2017 के मध्य लखनऊ की एसएसपी थीं। उनके खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद अव विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
मंजिल सैनी को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया
जांच अधिकारी एडीजी इंटेलिजेंस ने इस मामले में अब संबंधित लोगों के बयान दर्ज करने शुरू कर दिए हैं। इस क्रम में मंजिल सैनी को भी अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है।
जांच राज्य अभिसूचना विभाग (स्टेट इंटेलिजेंस) के अपर पुलिस महानिदेशक भगवान स्वरूप कर रहे हैं। वह यूपी काडर की 2005 बैच की आईपीएस हैं। लखनऊ में कार्यकाल के दौरान उन पर तेल करोबारी श्रवण साहू को सुरक्षा प्रदान करने में लापरवाही बरतने का आरोप है।
बेटे की हत्या के इकलौते गवाह थे श्रवण साहू
साहू की लखनऊ के सआदतगंज थाना क्षेत्र में 1 फरवरी 2017 को उनके घर के सामने ही ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर हत्या कर दी गई थी। साहू अपने बेटे के हत्यारों के खिलाफ अदालत में लड़ रहे थे। श्रवण के बेटे आयुष साहू की हत्या वर्ष 2016 में कर दी गई थी, जिसके वह इकलौते गवाह थे।
आयुष की हत्या में पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई थी। उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं। उन्होंने लखनऊ की तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी से सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई। नतीजा यह हुआ कि बदमाशों ने उनकी हत्या की दी।
इस मामले ने खासा तूल पकड़ा था। बाद में राज्य सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया था। अब इस मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ा है। राज्य सरकार ने सीबीआई की जांच आख्या में की गई संस्तुति के आधार पर अधिरोपित आरोपों की विधिवत जांच के लिए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।