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बिहार में जहरीली शराब से 73 की मौत, शराबबंदी के बाद से अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी

Bihar Hooch Tragedy: शराब बंदी के बाद से अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी। बिहार के सारण जिले के छपरा में जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या 73 हो चुकी है. इन मामलों में सच्चाई भी है क्योंकि अधिकांश लोगों ने बिना पोस्टमार्टम कई लोगों की लाश को जला दिया है. अस्पतालों में जो मरीज बरती है उनमे लगभग 25 लोगों की आंखों की रोशनी भी जा चुकी है।

By इंडिया वॉइस 

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Bihar Hooch Tragedy: शराब बंदी के बाद से अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी। बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत का आकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सारण जिला, जिसका मुख्यालय छपरा में है, यहां जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 73 हो गई है। विभिन्न जगहों पर इलाजरत लोगों की गंभीर स्थिति को देखते हुए मृतकों की संख्या और भी बढ़ने के आसार हैं। कुछ लोगों की मौत होने के बाद परिजन ने आनन-फानन में शवों को जला दिया। कुछ मामलों में डर के मारे ठंड या बीमारी से मौत होने की बात कही गई। अगर इनकी भी गिनती करें, तो जिले में मरने वालों का आंकड़ा 80 तक पहुंच गया है। छपरा के अलावा सीवान में 5 और बेगूसराय में भी एक शख्स की जहरीली शराब से मौत हो चुकी है। 25 लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है।

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शराब त्रासदी के तीसरे दिन मशरक, अमनौर और इसुआपुर में 26 लोगों की मौत हो हुई। शुक्रवार को तो एक नया इलाका दरियापुर भी जुड़ गया जहां एक की मौत हो गई और चार को रेफर किया गया है। लगभग छह लोगों की गांव में तबीयत बिगड़ी है। छपरा अस्पताल और पटना स्थित पीएमसीएच में 30 से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है। छपरा अस्पताल, निजी क्लीनिक और पटना में भर्ती लगभग 25 मरीजों की आंखों की रोशनी छिन गई है।

SIT जाँच में कई लोग हिरासत में
जहरीली शराब मामले की जांच कर रही एसआईटी ने सात को लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि पूछताछ के लिए 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है। एसपी ने पिछले 24 घंटे में 213 लोगों को पकड़े जाने की बात कही है। उधर, मशरक थाना पुलिस ने अलग-अलग गांवों में जहरीली शराब पीकर मरने वालों के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली। पुलिस आरोपी अनिल सिंह और गुड्डू पांडेय को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। आधिकारिक तौर पर अब तक 30 मृतकों का पोस्टमार्टम सरकारी अस्पताल में प्रशासन की ओर से कराया गया है।

पिछले 12 घंटे में नहीं आया नया मरीज

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छपरा जहरीली शराबकांड से जुड़ी राहत की बात यह है कि पिछले 12 घंटे में एक भी नया मरीज सामने नहीं आया है. लेकिन, छपरा के अलावा सीवान और बेगूसराय में जहरीली शराब से मौत हुई है. सीवान में दो दिन के अंदर संदिग्ध परिस्थिती में पांच लोगों की मौत हो चुकी है, यहां भी मौत की वजह जहरीली शराब ही बताई जा रही है. पांच लोगों की मौत से सीवान में भी हाहाकार मच गया है. पांच लोगों की मौत में एक चैकीदार भी शामिल है. कुछ मृतकों के परिजन जहरीली शराब पीने से मौत की बात कह रहे हैं. जिला प्रशासन ने अपनी देखरेख में एक शख्स शंभु यादव का पोस्टमार्टम करवाया जबकि दो लोगों का दाह संस्कार परिजनों द्वारा कर दिया गया, वहीं दो अन्य का शव गांव में है.

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बता दें कि, नीतीश कुमार ने आज विधानसभा में अपने रुख को दोहराया कि अवैध शराब पीने से मरने वालों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि शराबबंदी से पहले और बाद में भी बिहार में जहरीली शराब पीने वालों की संख्या कम है, उन्होंने कहा कि अन्य जगहों पर जहां शराबबंदी नहीं है, वहां जहरीली शराब पीकर अभी भी लोग मर रहे हैं.

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