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भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के जन्मदिन पर PM मोदी और राजनाथ सिंह ने उनके घर जाकर दी बधाई

By इंडिया वॉइस 

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लालकृष्ण आडवाणी का 95वां जन्मदिन: भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी मंगलवार (8 नवंबर) को 95 साल के हो गए। उनके जन्मदिन पर कई केंद्रीय मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता को शुभकामनाएं दीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार सुबह वरिष्ठ नेता के घर जकर उनको बधाई दी और उनकी मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं. विदेश मंत्री एस जयशंकर, जो इस समय मास्को में हैं, ने ट्विटर पर आडवाणी को बधाई दी और लिखा, “आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई। राष्ट्र के लिए उनके कई योगदान और सेवाएं हमें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।”

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके कहा, ‘श्रद्धेय लाल कृष्ण आडवाणी जी को उनके जन्मदिवस पर ढेरों शुभकामनाएं। उनकी गिनती भारतीय राजनीति की कद्दावर हस्तियों में होती है। देश, समाज और दल की विकास यात्रा में उनका अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु होने की कामना करता हूं।’

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गृह मंत्री अमित शाह ने भी आडवाणी को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने लिखा, “आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई। आडवाणी जी ने एक ओर अपनी निरंतर मेहनत से देश भर में संगठन को मजबूत किया, वहीं दूसरी ओर देश के विकास में अमूल्य योगदान दिया। सरकार में। मैं ईश्वर से उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की प्रार्थना करता हूं।”

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इस बीच, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री और आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्विटर पर लिखा, “बीजेपी के एक अग्रणी प्रकाश, भारत के राजनीतिक दिग्गज, एक बेहतरीन इंसान और अनुभवी नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की बधाई। ।”

अगर बात करें लालकृष्ण आडवाणी के राजनीतिक सफर की तो साल 2009 उनके लिए काफी अहम है। 2009 में आडवाणी को एनडीए का पीएम उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन वह चुनावी समर में कामयाब नहीं हो पाए थे। इसके बाद 2014 में उनके स्थान पर नरेंद्र मोदी को पीएम का चेहरा बनाने का फैसला हुआ था। इस तरह वह उपप्रधानमंत्री के पद पर तो रहे, लेकिन कभी पीएम नहीं बन सके।

आपको बता दें कि, लालकृष्ण आडवाणी ने कभी खुलकर अपने पीएम न बन पाने के बारे में कोई बात नहीं कही। लेकिन इससे बड़ा एक मलाल उनकी जिंदगी में रहा है, जिसके बारे में 2017 में लालकृष्ण आडवाणी ने खुलकर अपनी बात रखी थी। लालकृष्ण आडवाणी का जन्म अविभाजित भारत में 1927 में सिंध के कराची में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। सिंध के पाकिस्तान में जाने का दर्द बयां करते हुए कहा कि भारत तब तक अधूरा है, जब तक सिंध इसमें शामिल नहीं होता है।

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