राजस्थान में दो चरणों मे हुए लोकसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश में सियासी कयासों का दौर शुरू हो चुका है, हमारी इस रिपोर्ट में हम आपको बताएगें राजस्थान की हर एक लोकसभा सीट का सियासी गणित, हालाँकि कांउंटिंग में अभी लगभग एक माह का वक्त बाकि है लेकिन सियासी जानकार अपने अलग अलग दावे कर रहे है, सबसे पहले बात करते है बीजेपी का गढ़ कहलाने वाली जयपुर शहर लोकसभा सीट की.
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जयपुर शहर लोकसभा सीट पर बीजेपी की ओर से मंजू शर्मा को प्रत्याशी बनाया गया है, वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री रहे प्रतापसिंह खाचरियावास को उम्मीदवार बनाया है, कांग्रेस ने पहले इस सीट पर सुनील शर्मा को अपना उम्मीदवार चुना था, लेकिन उनके आरएसएस समर्थक संस्था के मंच पर जाने के पुराने वीडियो से उठे विवाद के बाद उन्होंने टिकट वापस कर दिया. इस विवाद के बाद कांग्रेस पार्टी को काफी नुकसान भी झेलना पड़ सकता है, बताया जा रहा है शहरी सीट पर राम मंदिर, हिंदुत्व के मुद्दे का काफी वर्चस्व है, जयपुर लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीटों में से 6 पर बीजेपी कब्जा है, बीजेपी के अभेद्य किले के रूप में जाने जानी वाली जयपुर शहर लोकसभा सीट पर जीत के लिए कांग्रेस ने जातिगत रणनीति अपनाई है, कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार वे जयपुर में पहले से बेहतर परफॉर्म करेंगे, पार्टी ने इसी उम्मीद से जयपुर में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे स्टारर जनसभा की, इसमें अशोक गहलोत, सचिन पायलट और गोविंद सिंह डोटासरा ने भी दम खम दिखाया.
प्रताप सिंह खाचरियावास 2004 में जयपुर लोकसभा चुनाव का लड़ चुके हैं, वे दो बार जयपुर शहर की सिविल लाइंस विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं, जयपुर सीट को परंपरागत रूप से भाजपा की सीट माना जाता है, 1952 से अब तक जयपुर लोकसभा सीट पर 17 बार चुनाव हुए हैं, लेकिन यहां कांग्रेस सिर्फ तीन बार जीत सकी है. वहीं भाजपा के गिरधारी लाल भार्गव यहां से 6 बार सांसद चुने जा चुके है.
जयपुर के चुनावी मुद्दों की बात करें तो यहां स्थानीय लोगों के अपने अपने निजी मुद्दे हैं, कहीं सड़क, कहीं पानी, कहीं सीवर और पूरे शहर में यातायात व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है. जयपुर सीट पर भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है, हालांकि इस सीट पर 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं लेकिन सीधी टक्कर भाजपा और कांग्रेस में ही है, जयपुर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र – हवामहल, विद्याधर नगर, सिविल लाइन्स किशनपोल, आदर्श नगर, मालवीय नगर, सांगानेर और बगरू आते हैं, भाजपा की मजबूती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इनमें से केवल दो सीटों आदर्श नगर और किशनपोल से ही कांग्रेस उम्मीदवार जीत सके ऐसे में कांग्रेस के लिए भाजपा के इस किले में सेंध लगाना आसान नहीं है, जयपुर शहर लोकसभा सीट पर 63.38 प्रतिशत मतदान हुआ है।, अब देखने वाली बात ये होगी की राजधानी जयपुर में कौन होगा जो जनता का दिल जीतने में कामयाब रहेगा.