खाड़ी देश क़तर में बिहार-झारखंड के प्रवासी भारतीय समुदाय ने बिहार जोहार सांस्कृतिक परिषद के स्थापना समारोह को भव्यता से मनाया। यह संस्था क़तर की पहली पारिवारिक सांस्कृतिक संस्था है, जिसकी संस्थापिका एवं अध्यक्षा आरा (बिहार) की बेटी एवं रांची (झारखंड) की बहू हैं।
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कतर। खाड़ी देश क़तर में बिहार-झारखंड के प्रवासी भारतीय समुदाय ने बिहार जोहार सांस्कृतिक परिषद के स्थापना समारोह को भव्यता से मनाया। यह संस्था क़तर की पहली पारिवारिक सांस्कृतिक संस्था है, जिसकी संस्थापिका एवं अध्यक्षा आरा (बिहार) की बेटी एवं रांची (झारखंड) की बहू हैं।
उन्होंने सभी बिहार जोहारवासियों को एकसूत्र में बांधकर अपने राज्य एवं देश को गौरवान्वित किया। इस अवसर पर सैकड़ों बिहार व झारखंड के प्रवासियों ने भाग लिया। इस मौके पर संस्थापिका अध्यक्षा स्मृति त्रिवेदी ने बिहार और झारखंड के अद्भुत गौरवशाली इतिहास और संस्कृति पर प्रकाश डाला।
बिहारी इतिहास और संस्कृति को बताया प्रेरणास्रोतः मनिकन्नट्न जी
अनेक रंगारंग नृत्य एवं लोकगीतों से बिहारी जोहारी प्रवासी भारतीय झूम उठें। इन शानदार प्रस्तुतियों से बिहार-झारखंड के सांस्कृतिक धरोहर को विदेश की धरती पर प्रदर्शित करना बहुत ही गर्व करने वाला क्षण था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंडियन कल्चरल सेंटर क़तर के प्रेसिडेंट मनिकन्नट्न जी ने बिहार-झारखंड समाज को बधाई दी और बिहारी इतिहास और संस्कृति को प्रेरणास्रोत बताया।
भारतीय दूतावास ने भी बधाई के साथ ही क़तर में बिहार जोहार सांस्कृतिक परिषद की स्थापना को सराहनीय कदम बताया। आईसीसी (indian cultural center) के उपाध्यक्ष एवं महासचिव ने भी कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की। समारोह में श्लेषा, श्वेता, रिया और सलोनी के नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
स्मृति त्रिवेदी , राघवेंद्र जी, सरिता सिंह और रजनी जी के गायन ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। विमलेश, श्लेषा और आरती के मंच संचालन ने सभी दर्शकों को अंत तक बांधे रखा।
कार्यक्रम की सफलता के लिए जनरल सेक्रेटरी विवेक राय ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रवीण त्रिवेदी, मुस्सरत इमाम, शफ्क़त नबी, मनीष, नीलांसु, अमृता, मनुज, अर्चना और सत्येन्द्र पाठक का योगदान सराहनीय रहा। कार्यक्रम के अंत में दोहा के प्रसिद्ध RJ कबीर के रैंप ने चार चांद लगा दिया।