लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख यूपी में एक बार फिर से जातिगत जनगणना की मांग तेज हो गई है।
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लखनऊ। लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख यूपी में एक बार फिर से जातिगत जनगणना की मांग तेज हो गई है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का एजेंडा जातिगत जनगणना हैं। तो दूसरी तरफ BJP का एजेंडा यूनिफॉर्म सिविल कोड है।
समाजवादी पार्टी पिछड़ों के हक के लिए जातिगत जनगणना के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने जा रही है। सपा अपनी सहयोगी पार्टी अपना दल कमेरावादी के साथ सोनेलाल की जयंती के अवसर पर जातिगत जनगणना को लेकर परिचर्चा करेगी। जातिगत जनगणना लागू करने की मांग के अभियान को बढ़ाएगी।
वहीं दूसरी तरफ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी जातिगत जनगणना के पक्ष में नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के साथ गठबंधन की अटकलों के बीच अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर जातिगत जनगणना की मांग कर रहे है।
ओमप्रकाश राजभर ने यह बयान भी दिया कि जब पार्टियां सत्ता में होती हैं तो उन्हें पिछड़ों की याद नहीं आती है। जैसे ही सत्ता के बाहर जाती हैं, उन्हें पिछड़े याद आने लगते हैं और जातिगत जनगणना की बात सामने आने लगती है। जातिगत जनगणना को लेकर मैंने 20 साल पहले ही मांग की थी।
अब राहुल गांधी भी इस पर बोलने लगे, नीतीश कुमार भी बोलने लगे। अभी इन लोगों के सामने सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का है। राजा तो कह रहा है सब ठीक है लेकिन प्रजा परेशान है। वहीं ओमप्रकाश राजभर ने गठबंधन को लेकर भी बयान दिया और कहा कि चुनाव से 3- 4 महीने पहले इसकी घोषणा भी की जाएगी।