नई दिल्ली। जलभराव से कई इलाकों में लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह पानी सिर्फ पानी भर नहीं है। यह कई बामरियों का कारण भी बन सकता है। आइए जानते हैं इन बीमारियों के बारे में।
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मलेरिया- बाढ़ की वजह से पानी में मच्छर पैदा होने से मलेरिया का भी खतरा बनता है। बता दें कि प्लाज़मोडियम परजीवी घातक बीमारी है, जो मलेरिया का कारण बनता है। संक्रमित मादा मच्छरों के काटने से परजीवी मानव में स्थानांतरित हो जाते हैं। मलेरिया होने पर आपको बुखार, थकावट, मितली और सिरदर्द की परेशानी हो सकती है।
डेंगू- बारिश के बाद इकट्ठे हुए पानी में मच्छर ब्रीडिंग करते हैं, जिससे डेंगू का खतरा कई गुना तक बढ़ सकता है। डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू होने पर आपको बुखार, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सर्दी जैसे लक्षण होते हैं।
हेपेटाइटिस ए- बता दें कि हेपेटाइटिस ए लीवर का रोग है जो वायरस हेपेटाइटिस ए के कारण होता है। आप वायरस से तब संक्रमित होते हैं जब आप दूषित पानी या भोजन के संपर्क में आते हैं। हेपेटाइटिस ए होने पर बुखार, अस्वस्थता, भूख न लगना, दस्त, मितली, पेट में दर्द, गहरे रंग का मूत्र और पीलिया जैसे लक्षण होते हैं।
टायफ़ॉइड – गंदे पानी से टायफ़ॉइड (बुखार) का खतरा बना रहता है। अगर सैनिटेशन ख़राब हो तो बाढ़ के दौरान टायफ़ॉइड का प्रहार ज्यादा हो सकता है। साल्मोनेला टाइफी वह जीवाणु है जो टायफ़ॉइड की वजह बनता है। एक बार शरीर के अंदर ये बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं और पूरे रक्तप्रवाह में फैल जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप लगातार बुखार, थकावट, सिरदर्द, मितली, पेट में दर्द और दस्त जैसे लक्षण होते हैं। अगर वक्त पर इलाज न किया जाए तो टाइफाइड की बीमारी घातक हो सकती है।
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