उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुझे दिया हुआ वादा निभाते तो आज राज्य में बीजेपी का सीएम होता। साथ ही ना कभी भी महाविकास गठबंधन बनाने की नौबत नहीं आती और ना मुझे नाहक मुख्यमंत्री बनना पड़ता।
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मुंबई, 01 जुलाई। गुरुवार को महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार बनी। दूसरे दिन पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को ढाई-ढाई साल के फार्मूले की याद दिलाई। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुझे दिया हुआ वादा निभाते तो आज राज्य में बीजेपी का सीएम होता। साथ ही ना कभी भी महाविकास गठबंधन बनाने की नौबत नहीं आती और ना मुझे नाहक मुख्यमंत्री बनना पड़ता।
ज्यांनी हे सरकार स्थापन केले, त्यांच्या मते त्यांनी तथाकथित शिवसैनिकाला मुख्यमंत्री केले. हेच तर मी सांगत होतो, जर हे पूर्वीच केलं असतं तर आता अडीच वर्षे पूर्ण झाली असती, आणि जे झाले ते सन्मानाने झालं असतं.
– शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धवसाहेब ठाकरे pic.twitter.com/Tt1lMpRpPz— Office of Uddhav Thackeray (@OfficeofUT) July 1, 2022
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के एक दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार बनी और मैंने बधाई भी दी, लेकिन प्रचारित किया जा रहा है कि शिवसेना का सीएम बना है, जो पूरी तरह से गलत है। शिवसेना का सीएम शिवसेना के बिना नहीं बन सकता था। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछला चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था और चुनाव के बाद अमित शाह के साथ ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला बना था, जिसे बाद में इंकार कर दिया गया। इसके बाद बीजेपी अलग रास्ता तलाशने लगी, जिससे महाविकास गठबंधन बनाना पड़ा था।
माझ्यावर राग आहे ना, तो राग माझ्यावर काढा. मुंबईवर काढू नका! मुंबईच्या काळजात कट्यार घुसवू नका,
आरेचा निर्णय बदलला, त्यामुळे मला दु:ख…
आरेचा प्लॉट कुणाचा खासगी नाही!-शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धवसाहेब ठाकरे pic.twitter.com/k4YsWXRL7u
— Office of Uddhav Thackeray (@OfficeofUT) July 1, 2022
वहीं उद्धव ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद तत्काल कांजुर मेट्रो कारशेड योजना को स्थगित करने और गोरेगांव की आरे कालोनी में मेट्रो कारशेड बनाने का फैसला लिया गया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि आरे कालोनी के जंगलों से ही मुंबई को ऑक्सीजन मिलता है। आरे कालोनी में रातोरात पेड़ों की कटाई की गई थी, जंगल ध्वस्त कर दिया गया था। इसी वजह से उन्होंने पर्यावरण की दृष्टि से आरे जंगल का संरक्षण करते हुए कांजुर मेट्रो कारशेड का फैसला लिया था। उन्होंने कहा कि जिसे उनसे बदला लेना हो बेशक लें, लेकिन मुंबई का पर्यावरण नष्ट ना करें।