लोकसभा में गुरुवार को वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश करने के दौरान कानून और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। कहा कि विपक्ष केवल भ्रम की राजनीति कर रहा है। इस विधेयक को मंत्री किरेन रिजिजू ने संसदीय कमेटी के पास भेजने की शिफारिश की है।
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नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश करने के दौरान कानून और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। कहा कि विपक्ष केवल भ्रम की राजनीति कर रहा है। इस विधेयक को मंत्री किरेन रिजिजू ने संसदीय कमेटी के पास भेजने की शिफारिश की है। लोकसभा में सरकार ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि कानून बनने से वक्फ की अरबों की संपत्ति का दुरुपयोग रुकेगा और गरीब मुसलमानों को इसका लाभ मिल सकेगा।
अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए विपक्ष कर रहा विरोध
यह विधेयक सभी के हित में है। इस मामले पर विपक्ष जो विरोध कर रहा है, वह केवल अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए कर रहा है। कहा कि विधेयक में किए प्रावधान से संविधान के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है। इसमें किसी का हक नहीं छीना जा रहा है। इसमें जिनको हक नहीं दिया गया है उन्हें हक दिया गया है। विधेयक में वक्फ बोर्ड के लिए महिलाओं की सदस्यता को अनिवार्य किया गया है और इसमें हर मुस्लिम वर्ग की महिलाएं शामिल होंगी।
उन्होंने कहा कि नया बिल बहुत विचार कर लाया गया है। इस बिल का सभी को समर्थन करना चाहिए क्योंकि करोड़ों लोगों को इंसाफ नहीं मिल रहा है। इस बिल का विरोध करने से पहले करोड़ों गरीब मुसलमानों के बारे में सोचिए तब इसका विरोध कीजिए। उन्होंने कहा कि नये कानून में पूरी तकनीकी का इस्तेमाल कर विधेयक को लाया गया है और वक्फ संपत्ति सबकी संपत्ति बने और उसका दुरुपयोग नहीं हो, इसका पूरा ध्यान रखते हुए विधेयक लाया गया है।
नये बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य
नये बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य किया गया है और मुसलमानों में सभी वर्गों को इसमें रखा गया है। उन्होंने कहा कि पहले के कानून में यह प्राविधान था कि यदि आपने अपनी जमीन के लिए हक की बात नहीं की तो उस जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है। यदि किसी जमीन को लेकर यह कहा जाता कि इस जमीन पर किसी के परिजनों ने नमाज पढ़ी है तो वह जमीन वक्फ बोर्ड 1995 के कानून के तहत अपने कब्जे में ले लेता था और यह इस कानून की बहुत बड़ी खामी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वक्फ बोर्ड की हालात यह है कि तमिलनाडु के एक गांव का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है लेकिन बोर्ड ने पूरे गांव को ही वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर दिया और गांव के लोग अपने पूर्वजों की जमीन से बेदखल हो गये। उनका कहना था कि सवाल किसी धर्म विशेष का नहीं है बल्कि यह गलत को सही करने का कानूनी प्रयास है और इस विधेयक के पारित होने से इस तरह के अन्याय को रोका जा सकेगा।
वक्फ बोर्ड की मनमानी को रोकने के लिए सरकार लाई विधेयक
कर्नाटक वक्फ बोर्ड का उदाहरण देते हुए उनहोंने कहा कि वहां करोड़ों की संपत्ति को वाणिज्यिक काम के लिए बदल दिया है। इस तरह की मनमानी को रोकने के लिए सरकार यह विधेयक लाई है। रिजिजू ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता था। वह मुसलमान हो या गैर मुसलमान हो वह किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित कर सकता था और यह बहुत खतरनाक स्थिति थी जिसे बदलने की सख्त जरूरत है।
उन्होंने कहा कि 90 हजार से ज्यादा मामले वक्फ बोर्ड में लम्बित पड़े हैं और इन सब विषमताओं को देखते हुए और लोगों को न्याय देने के लिए यह विधेयक लाया गया है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने देश में संविधान के संकट होने का भ्रम फैलाकर लोकसभा का चुनाव जीता है और अब इस विधेयक को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि यह कानून धर्म और आस्था से जुडा है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।