नई दिल्ली । ब्रेन हेमरेज काफी गंभीर होता है। अगर किसी व्यक्ति को यह होता है तो या तो उसकी जान चली जाती है या फिर उसे लक्ववा मार देता है।
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चलिए तो जानते हैं कि यह किन कारणों से होता है। किस तरीके से इससे बचा जा सकता है। बता दें कि ब्रेन हेमरेज में ब्रेन के अंदर ब्लीडिंग होने लगता है। यानि सिर के अंदर नस फटने के कारण खून बहना. मेडिकल टर्म में इसे इंट्राक्रैनियल हेमोरेज के नाम से जाना जाता है।
दिमाग की नस फटने के पीछे का कारण
ब्रेन हमरेज के कई वजह हो सकते हैं। जैसे किसी व्यक्ति को सिर में गंभीर चोट लगी हो। हाई बीपी के कारण भी दिमाग की नसों में खून जम जाता है जो कि आगे चलकर काफी ज्यादा परेशानी दे सकता है। ब्लड वेसेल्स की दीवारों को नुकसान पहुंचा सकता है और ब्लड वेसेल्स की ब्लीडिंग या फटने का कारण बन सकती है।
एक कारण ब्रेन में होने वाली ब्लड क्लॉटिंग की भी है, जिससे ब्रेन हेमरेज हो सकता है। दिमाग की नसों की दीवारों के अंदर अमाइलॉइड प्रोटीन यानि सेरेब्रल अमाइलॉइड एंजियोपैथी की वजह से भी ब्रेन हेमरेज होता है।
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ब्रेन हेमरेज कैसे होता है ?
ब्रेन हेमरेज के कई कारण हो सकते हैं। जब ब्रेन को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है तो दिमाग के सेल्स मरने लगते हैं। ऐसे में शरीर के गतिविधियां प्रभावित होने लगती हैं।
ऐसे में शरीर के किसी भाग में लकवा मारना,शरीर का कोई हिस्सा सुन्न होना या कमजोरी होना, खाने-पीने में कठिनाई होना,आंखों की रोशनी पर असर पड़ना,रे पड़ना और सिरदर्द होना, इसकी वजह इंसान की मौत भी हो सकती है।
ब्रेन हेमरेज से कैसे बचें
अगर आपको ब्रेन हेमरेज से बचना है तो समय-समय पर अपना बीपी चेक करवाते रहें। खासकर बीपी के मरीज तो अक्सर अपना बीपी चेक करवाते रहना चाहिए। हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए वजन कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है।