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नहीं देखा होगा ऐसा अनोखा भक्त: लोहे की कील पर पेट के बल लेटकर कर रहें यात्रा, 17 KM दूरी करेंगे तय

इन दिनों बाबा श्याम का एक ऐसा ही अनोखा भक्त खाटूश्याम जी की और आगे बढ़ रहा है. रोहतक (हरियाणा) के रहने वाले दिशांत कालरा नुकीली किलो पर चलकर दंडवत यात्रा कर रहे हैं,और लोहे की कील पर पेट के बल लेटकर कर रहें यात्रा.

By Rajasthan Bureau@indiavoice.co.in 

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सीकर, बाबा श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है. माना जाता है कि कलयुग के अवतार बाबा श्याम अपने भक्तों का हर दुख हर लेते हैं. जब बाबा श्याम अपने भक्तों की मन्नत पूरी करते हैं, तो भक्त अजब-गजब तरीके यात्रा कर बाबा श्याम के सामने हाजिरी लगाते हैं,और बाबा श्याम को प्रसन्न करते है.

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इन दिनों बाबा श्याम का एक ऐसा ही अनोखा भक्त खाटूश्याम जी की और आगे बढ़ रहा है. रोहतक (हरियाणा) के रहने वाले दिशांत कालरा नुकीली किलो पर चलकर दंडवत यात्रा कर रहे हैं.श्याम भक्त दिशांत 17 किलोमीटर तक लोहे की किलो पर पेट के बल लेटकर दंडवत यात्रा करेंगे. हैरानी की बात यह है कि यह भक्त अकेले ही दंडवत यात्रा करते हुए आगे बढ़ रहे हैं. इनकी देखभाल के लिए एक भी व्यक्ति उनके साथ नहीं चल रहा है.दिशांत कालरा गुरुवार को रोहतक से ट्रेन में बैठकर रींगस आए थे, जिसके बाद रींगस प्राचीन श्याम मंदिर में पूजा अर्चना के बाद 17 किलोमीटर की इस कठिन दंडवत यात्रा की शुरुआत की.

श्याम भक्त कालरा ने बताया कि बाबा श्याम से मांगी हुई मन्नत पूरी करने पर वह यह यात्रा कर रहे हैं. दिशांत कालरा पूरी रात लोहे की किलो पर पेट के बल लेटते हुए खाटूश्याम जी जाएंगे. इस कठिन यात्रा में उन्हें 40 से 48 घंटे से भी अधिक का समय लगेगा.

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