राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि प्रदेश सरकार ने भर्ती के नाम पर एकबार फिर हरियाणा के युवाओं के साथ धोखा किया है। 5 साल से भर्तियों पर कुंडली मारकर बैठी मनोहर सरकार ने लंबे इंतजार के बाद ग्रुप-सी की भर्ती का रिजल्ट जारी किया। लेकिन ये रिजल्ट युवाओं के लिए खुशी की बजाए भद्दा मजाक साबित हुआ। क्योंकि भर्ती में भयंकर पैमाने पर धांधली सामने आई है।
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चंडीगढ़। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि प्रदेश सरकार ने भर्ती के नाम पर एकबार फिर हरियाणा के युवाओं के साथ धोखा किया है। 5 साल से भर्तियों पर कुंडली मारकर बैठी मनोहर सरकार ने लंबे इंतजार के बाद ग्रुप-सी की भर्ती का रिजल्ट जारी किया। लेकिन ये रिजल्ट युवाओं के लिए खुशी की बजाए भद्दा मजाक साबित हुआ। क्योंकि भर्ती में भयंकर पैमाने पर धांधली सामने आई है।
धांधली इतनी थी कि रिजल्ट जारी होते ही हजारों की तादाद में युवा एचएसएससी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए। युवाओं ने आरोप लगाया कि धांधली करके ज्यादा अंकों वाले अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया गया और कम अंक वाले अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया।
कहा कि अभ्यार्थियों के दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर फेरबदल करके इस पूरे गड़बड़झाले को अंजाम दिया गया है। अभ्यर्थी शिकायत कर रहे हैं कि दस्तावेजों में गड़बड़ी करके उनकी कैटेगरी ही बदल दी गई। शिकायत करने पर अधिकारियों ने कई अभ्यर्थियों को बताया कि उनके डॉक्यूमेंट जमा नहीं होने की वजह से उन्हें सेलेक्ट नहीं किया गया।
जबकि डॉक्यूमेंट के जमा किए बिना ना तो अभ्यर्थी का फॉर्म सबमिट हो सकता है और ना ही उसका रोल नंबर जारी हो सकता है। बहुत सारे अभ्यर्थियों के तो पोर्टल से डॉक्यूमेंट ही गायब बताए जा रहे हैं। सवाल खड़ा होता है कि अभ्यर्थियों द्वारा जमा किए गए दस्तावेज आखिर कहां गए और किसने गायब किए ? सरकार के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। इसलिए इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच जरूरी है।