Arunachal Pradesh Fire Accident News: अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में आग लगने की खबर सामने आई है , यह घटना ईटानगर के नाहरलगुन की है,आग धीरे-धीरे काफी भयानक रूप मे बदल गया और 700 से अधिक दुकानों को अपनी चपेट में लेकर पलभर मे राख बना दिया ,स्थानीय लोगो के मुताबिक आग शुरुवात के 2 घंटो में केवल दो दुकानों मे लगी थी लेकिन दमकल विभाग का टिम आग के फैलाव पर काबू पाने में विफल रहा,जिससे आग फैलकर 700 से अधिक दुकानों को राख बना दिया,आग लगन के कारणो का पता अभी नहीं चल पाया है, अनुमान लगाया जा रहा है कि यह नुकसान करोड़ों रुपये का है.
Updated Date
Arunachal Pradesh News: अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में आग लगने की खबर सामने आई है , यह घटना ईटानगर के नाहरलगुन की है,आग धीरे-धीरे काफी भयानक रूप मे बदल गया और 700 से अधिक दुकानों को अपनी चपेट में लेकर पलभर मे राख बना दिया ,स्थानीय लोगो के मुताबिक आग शुरुवात के 2 घंटो में केवल दो दुकानों मे लगी थी लेकिन दमकल विभाग का टिम आग के फैलाव पर काबू पाने में विफल रहा,जिससे आग फैलकर 700 से अधिक दुकानों को राख बना दिया,आग लगन के कारणो का पता अभी नहीं चल पाया है, अनुमान लगाया जा रहा है कि यह नुकसान करोड़ों रुपये का है.
नाहरलगुन डेली मार्केट में यह भीषण आग मंगलवार सुबह लगी,इस हादसे मे अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, अरुणाचल प्रदेश का ये सबसे पुराना बाजार राजधानी ईटानगर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और नाहरलगुन में पुलिस और दमकल केंद्रों के करीब भी है. पुलिस ने कहा कि तीन दमकल गाड़ियां आग पर काबू पाने के लिए घंटों जूझती रहीं. जिनमें से एक ईटानगर से लाई गई थी. उन्होंने कहा कि आग से हुए नुकसान का अभी पता नहीं चल पाया है.
पुलिस को आशंका है कि दीवाली के मौके पर पटाखों या दीयों के जलने से आग लगी है. घटना की सूचना मिलने के बाद दमकलकर्मी तुरंत हरकत में आ गए. लेकिन दुकानों के बांस और लकड़ी से बने होने और बाजार में बड़ी मात्रा में सूखे माल के स्टॉक के कारण आग तेजी से फैल गई. पुलिस ने कहा कि एलपीजी सिलेंडरों में विस्फोट से आग में भी इजाफा हुआ.
ईटानगर के पुलिस अधीक्षक जिमी चिराम ने कहा कि आग लगने के सही कारणों का पता दमकल विभाग की जांच पूरी होने के बाद ही चल पाएगा. जबकि दुकानदारों ने आरोप लगाया कि आग लगने की सूचना मिलते ही वे बगल के दमकल केंद्र पहुंचे लेकिन कोई कर्मचारी नहीं मिला. इसके अलावा जब दमकल कर्मी पहुंचे, तो दमकल गाड़ियों में पानी नहीं था. दुकानदारों ने आरोप लगाया कि पानी को फिर से भरने के लिए दमकल की गाड़ियों को लंबी दूरी तय करनी पड़ी और वे सुबह 5 बजे के आसपास ही पानी लेकर वापस आ सके. तब तक अधिकांश बाजार पहले ही जल चुका था.