छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव शुरू होने में दो महीने से भी कम का वक्त बचा है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस अब अपनी सियासी लड़ाई लड़ने पूरी तरह जमीन पर आ चुके हैं। कांग्रेस छत्तीसगढ़ राज्य को रोल मॉडल के तौर पर देखकर देशभर में यहां की योजनाओं के उदाहरण पर चुनाव मैदान में उतर रही है।
Updated Date
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव शुरू होने में दो महीने से भी कम का वक्त बचा है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस अब अपनी सियासी लड़ाई लड़ने पूरी तरह जमीन पर आ चुके हैं। कांग्रेस छत्तीसगढ़ राज्य को रोल मॉडल के तौर पर देखकर देशभर में यहां की योजनाओं के उदाहरण पर चुनाव मैदान में उतर रही है।
इसी क्रम में बिलासपुर के तखतपुर में हुए सांसद राहुल गांधी की सभा के शायद यही मायने हैं। कांग्रेस की राज्य सरकार ने यहां नई योजना छत्तीसगढ़ आवास न्याय योजना शुरू की है। जिसके तहत हितग्राहियों के खातों में आवास के लिए सीधे इसकी रकम भेजी गई है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को इसका लाभ नही मिल पा रहा था।
इसको लेकर विपक्ष में बैठी भाजपा ने राज्य की कांग्रेस सरकार को घेरने की लगातार कोशिश की थी। और इसी मुद्दे पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी पंचायत विभाग से इस्तीफा दे दिया था कि उनके पंचायत मंत्री राहटर हुए भी इस योजना का लाभ इसके हितग्राहियों को नही मिल पा रहा है।
अब इसी आवास योजना के जरिये प्रदेश की कांग्रेस सरकार जनता को साधने नई आवास योजना शुरू की है। जिसके हितग्राहियों को आज प्रथम राशि का वितरण भी किया गया। वहीं, इस मामले पर राज्यसभा सांसद व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार की यह योजना सिर्फ छलावा है।
सरोज पांडेय ने कहा कि राहुल गांधी भारतीय राजनीति को कम समझते हैं। और वे अभी इसे सीख रहे हैं। फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में भाग लेने जैसे कभी कुली बन जाते हैं। कभी मैकेनिक बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री योजना में राज्य के हिस्से का पैसा न दिए जाने की वजह से जब यह योजना वापस हुई और भाजपा इस योजना को लेकर जनता के बीच जाने लगी तब कांग्रेस ने घबरा कर आवास योजना को नई योजना को लांच कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवास योजना का लाभ यहां के हितग्राहियों को नही मिल पाया जिसके बाद प्रदेश के गरीब आवासहीनो के लिये नई योजना शुरू करनी पड़ी। बिलासपुर में इस योजना के उद्घाटन के क्या हो सकते हैं मायने। आने वाले चुनाव पर क्या असर पड़ता है ये देखने वाली बात होगी।