देश में कुपोषण का शिकार महिलाओं व बच्चों को पीडीएस प्रणाली के तहत पोष्टिक पदार्थों युक्त चावल को वितरित करने का फैसला लिया गया है।
नई दिल्ली, 08 अप्रैल। केन्द्र सरकार ने महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से दिए जाने वाले चावलों को पोषक पदार्थों से युक्त (फोर्टिफाइड) करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी दी है।
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में योजना को 2024 तक लागू किया जाएगा। चावलों को फोर्टिफाइड करने पर होने वाले खर्च (2700 करोड़ रुपये) को केन्द्र सरकार वहन करेगी। एफसीआई और राज्य एजेंसियों ने आपूर्ति और वितरण के लिए पहले ही 88.65 एलएमटी फोर्टिफाइड चावल की खरीद कर ली है।
उन्होंने बताया कि यह फोर्टिफिकेशन देश के हर गरीब व्यक्ति को कुपोषण से मुक्ति और महिलाओं, बच्चों और स्तनपान कराने वाली माताओं में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए पोषण प्रदान करेगा।
योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों (यूटी) में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस), समेकित बाल विकास सेवा (आईसीडीएस), प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण-पीएम पोषण [पूर्ववर्ती मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम)] और भारत सरकार की अन्य कल्याण योजना (ओडब्ल्यूएस) शामिल हैं।