1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. छठ पूजा का दूसरा दिन, आज मनाया जाएगा खरना ,जानें खऱना का महत्व और पूजन-विधि

छठ पूजा का दूसरा दिन, आज मनाया जाएगा खरना ,जानें खऱना का महत्व और पूजन-विधि

छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है,यह त्योहार पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में मुख्य तौर पर मनाया जाता हे. वहीं अब देशभर के कई हिस्सों में इसका प्रचलन शुरू हो गया है. छठ पूजा में सूर्य देवता का पूजन किया जाता है और यह पर्व 4 दिनों तक चलता है.

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है, यह त्योहार पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में मुख्य तौर पर मनाया जाता हे. वहीं अब देशभर के कई हिस्सों में इसका प्रचलन शुरू हो गया है. छठ पूजा में सूर्य देवता का पूजन किया जाता है और यह पर्व 4 दिनों तक चलता है.

पढ़ें :- उत्तर प्रदेश में रियल टाइम मॉनिटरिंग और जवाबदेही का राष्ट्रीय मानक स्थापित कर रहा डिजिटल सिस्टम

छठ पूजा का दूसरा दिन

दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी को भक्त दिनभर का उपवास रखते हैं. इस दिन को खरना कहा जाता है. इस दिन सुबह व्रती स्नान ध्यान करके पूरे दिन का व्रत रखते हैं. अगले दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए प्रसाद भी बनाया जाता है. शाम को पूजा के लिए गुड़ से बनी खीर बनाई जाती है. इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से आग जलाकर बनाया जाता है.

इकट्ठी कर लें पूजा सामग्री

छठ पूजा के लिए बांस की बड़ी टोकरियों या सूप की जरूरत होगी. इसके अलावा लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास, चावल, लाल सिंदूर, धूप, बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना, सुथनी, शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा, नाशपाती, नींबू, शहद, पान, साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन और मिठाई की जरूरत होगी.

पढ़ें :- लालू परिवार में फूट: रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी सहित अन्य सदस्यों को किया अनफॉलो, राजनीतिक अटकलें तेज़

खरना का महत्व

छठ पर्व में खरना का विशेष महत्व होता है. नहाय-खाय वाले दिन घर को पवित्र कर व्रती अगले दिन की तैयारी करती हैं. जब खरना आता है तो सुबह व्रती स्नान ध्यान करके पूरे दिन का व्रत रखते हैं. इसी दौरान अगले दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए प्रसाद भी बनाया जाता है. शाम को पूजा के लिए गुड़ से बनी खीर बनाई जाती है. इस खीर को कुछ जगहों पर रसिया भी कहते हैं. इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से आग जलाकर बनाया जाता है. हालांकि शहरी इलाकों में मिट्टी के चूल्हे की उपलब्धता न हो पाने की स्थिति में कुछ लोग नए गैस चूल्हे पर भी इसे बनाते हैं. पर चूल्हा नया हो और अशुद्ध न हो इसका खास ध्यान रखा जाता है.

छठ पूजा का महत्व

सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में यह पर्व काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस पूजा की शुरुआत सूर्य पुत्र और महान योद्धा कर्ण ने की थी. मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव और छठी मईया की पूजा अर्चना करने निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है और संतान की सुख समृद्धि व दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. India Voice इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले सलाह जरूर ले लें.

पढ़ें :- दिल्ली छात्र संघ चुनाव में ABVP ने मारी बाज़ी: 4 में से 3 सीटों पर कब्जा, एक सीट NSUI को

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com