मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ किया है कि उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी समुदाय को आरक्षण जरूर दिया जाएगा। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए जल्द चुनाव कराने का निर्देश दिया था।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ किया है कि उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी समुदाय को आरक्षण जरूर दिया जाएगा। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए जल्द चुनाव कराने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद सीएम योगी ने ऐलान किया है कि राज्य सरकार पहले ओबीसी के नागरिकों को आरक्षण उपलब्ध कराएगी, उसके बाद ही नगरीय निकाय चुनाव कराएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा, ‘प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके उपरांत ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा।’ सीएम योगी ने साथ ही कहा कि अगर आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार हाईकोर्ट के निर्णय पर तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार करके सुप्रीम कोर्ट में अपील भी करेगी।
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को राज्य सरकार के नगरीय निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए नगरीय निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराने का आदेश दिया था। जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच के इस आदेश के बाद राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया।
बेंच ने उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा 5 दिसंबर को तैयार मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए निकाय चुनावों को बिना ओबीसी आरक्षण के कराने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने यह पाया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ‘ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले’ के बिना ओबीसी आरक्षण की मसौदा अधिसूचना लाई गई, जिसके बाद अदालत ने इसे रद्द करने का आदेश दिया।