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कांग्रेस का हमला- सफाई व्यवस्था को लेकर दिल्ली की जनता को गुमराह कर रही ‘आप’, 50 दिन का अभियान महज दिखावा

By Rakesh 

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नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में सत्ता में आने के एक साल बाद मेयर व सत्ताधारी नेताओं द्वारा अचानक सफाई अभियान शुरू करना यहां की जनता को गुमराह करने जैसा है। क्योंकि चुनाव से पूर्व किए वायदे कोरी घोषणा बनकर रह गए।

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निगम में पूर्व नेता सदन व निगम में कांग्रेस के प्रभारी जितेन्द्र कुमार कोचर ने कहा कि पिछले एक साल दिल्ली में जगह-जगह चाहे कालोनियां हो, बाजार हो, ग्रामीण क्षेत्र हो, गंदगी के ढेर लगे रहते हैं  तो दिल्ली की मेयर  50 दिन के अभियान में केवल 3-4 वार्डों की कुछ सड़कों की सफाई से कैसे पूरी दिल्ली को साफ करने की दुहाई दे रही हैं।

सफाई के मामले में दिल्ली सबसे निचले पायदान पर

उन्होंने कहा कि स्वच्छ व्यवस्था और सफाई के मामले में दिल्ली सबसे निचले पायदान पर है। जिसके लिए दिल्ली नगर निगम और सफाई व्यवस्था से जुड़ी दिल्ली सरकार व केन्द्र सरकार की संस्थाएं भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की बदहाल सफाई व्यवस्था किसी से छिपी नही है। गलियों और सड़कों पर गड्डे, उसके किनारे गंदगी, नाली व नालों का उपर तक बहना नगर निगम की विफलता को सीधे तौर पर दर्शाता है।

निगम में कांग्रेस दल की नेता श्रीमती नाजिया दानिश ने कहा कि दिल्ली की मेयर शैली ओबराय का यह दावा बेबुनियाद है कि वो 50 दिनों में दिल्ली को साफ कर देंगी। उन्होंने कहा कि जहां दिल्ली को बुनियादी सफाई रखने के लिए 50 हजार कर्मचारियों की भर्ती की जरुरत है, वहीं दिल्ली नगर निगम मात्र 6500 ठेकेदारी पर अस्थाई कर्मचारियों की भर्ती की योजना नाकाफी साबित होगी।

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अस्थाई कर्मचारियों को नियमित और रेगुलर कर्मचारियों को पक्का करें मेयर

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करें और रेगुलर कर्मचारियों को पक्का करे, उसके बाद डेली वेजेस कर्मचारियों की भर्ती निगम की तरफ से करे जिसकी लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ रही है। कांग्रेस प्रवक्ता अनुज आत्रेय ने कहा कि दिल्ली में नगर निगम की अगर कोई प्राथमिक जिम्मेदारी है तो वह सफाई व्यवस्था की है। जिसमें पिछले एक वर्ष में निगम पूरी तरह विफल रहा है।

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