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Russia Ukraine Conflict : भारतीयों को एयरलिफ्ट करने को लेकर वायु सेना की मदद लेने पर विचार जारी- विदेश सचिव

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

नई दिल्ली, 24 फरवरी। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों को वहां से निकालने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद लेने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय को स्थिति से अवगत कराया है। इसके अलावा वाणिज्यिक उड़ानों के जरिए भी लोगों को स्वदेश लाने के उपाय किए जा रहे हैं।

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लोगों को यात्रा के विभिन्न विकल्पों से स्वदेश लाने की तैयारी

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने एक विशेष ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी। विदेश सचिव ने कहा कि यूक्रेन की स्थिति पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विचार किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास में करीब 20 हजार छात्रों और नागरिकों ने अपना पंजीकरण कराया था। इसमें से करीब 4 हजार लोग स्वदेश लौट चुके हैं। बाकी लोगों को यात्रा के विभिन्न विकल्पों से स्वदेश लाने की कार्रवाई जारी है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के पड़ोसी देशों हंगरी, स्लोवाकिया रोमानिया और पोलैंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय राजनयिकों का दल पहुंच रहा है। नई दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय से रूसी भाषा के जानकार अधिकारियों को वहां भेजा जा रहा है। इसका मकसद स्थानीय अधिकारियों के साथ बेहतर संवाद करना है। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग के जरिए 9 से 12 घंटे तक सफर कर पड़ोसी देशों में पहुंचा जा सकता है।

छात्रों को पहले ही यूक्रेन छोड़ने की अपील की गई थी

सवाल पूछे जाने पर कि क्या भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के काम में देरी हुई?। जिस पर विदेश सचिव ने कहा कि घटनाक्रम बदल रहा था और स्थिति जटिल थी। भारतीय दूतावास ने बहुत पहले ही भारतीय नागरिकों और छात्रों को परामर्श जारी कर सलाह जारी कर यूक्रेन छोड़ने की अपील की थी। विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे छात्र अपनी पढ़ाई बाधित नहीं करना चाहते थे। यूक्रेन के शिक्षण संस्थाओं में उस समय ऑनलाइन क्लासेस की सुविधा नहीं थी। विदेश मंत्रालय ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ संपर्क स्थापित कर आग्रह किया है कि छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा दी जाए।

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विचार-विमर्श मौजूदा संकट के समाधान करने का एकमात्र रास्ता

विदेश सचिव हर्षवर्धन ने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए गए हैं। उनसे नजदीकी बचाव स्थलों में शरण लेने या फिर यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्रों में जाने के लिए कहा गया है। विदेश सचिव ने कहा कि यूक्रेन के घटनाक्रम पर अमेरिका की ओर से पेश किए जाने वाले प्रस्ताव का प्रारूप भारत को मिला है। इसमें कुछ बदलाव भी हो रहा है। अंतिम प्रस्ताव पेश किए जाने पर भारत पूरे प्रकरण के बारे में अपना रवैया स्पष्ट करेगा। यूक्रेन संकट के बारे में विदेश सचिव ने कहा कि भारत घटनाक्रम से जुड़ा एक पक्ष है। इसके मद्देनजर भारत विभिन्न संबंधित देशों के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि विचार विमर्श और राजनयिक उपाय ही मौजूदा संकट के समाधान करने का एकमात्र रास्ता है। भारत ऐसी किसी बातचीत में सहयोग करने के लिए तत्पर है।

वहीं रूस के खिलाफ अमेरिका और यूरोपीय संघ के देशों और ऑस्ट्रेलिया जापान आदि देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के संबंध में विदेश सचिव ने कहा कि हम इस बात का आकलन करेंगे कि इनसे भारतीय हितों पर क्या असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों के कारण अन्य देशों के साथ के साथ रिश्तों पर निश्चित रूप से असर पड़ता है।

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